अस्पताल या कत्लखाना: 21 दिन में 140 से अधिक मरीजों की मौत

ग्वालियर। संभाग के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य चिकित्सालय ग्वालियर में जनवरी माह के 21 दिन में 140 लोगों की मौत हो चुकी है। एक महीने में मरने वालों की यह चौंकाने वाली संख्या है

इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मौत के आंकड़ों में इजाफा होने की बजह सर्दी और अव्यवस्था भी है, अन्य राज्यों से यहां मरीज आते हैं, मेडीकल काॅलेज से संबंधित होने के कारण संभाग भर में बड़ी दुर्घटना एवं गंभीर अवस्था के मरीजों को जेएएच भेजा जाता है। करीब 50 हजार मरीज एक वर्ष में भर्ती होते हैं, ओपीडी में करीब 3 लाख से अधिक मरीज आते हैं करीब 14 हजार आॅपरेशन प्रतिवर्ष होते हैं।

लेकिन सवाल यह है कि क्या तुलनात्मक ग्राफचार्ट पर मौतों की संख्या ज्यादा नही है और मौतों की संख्या से ओपीडी का क्या ताल्लुक। यदि अस्पताल में मरीजों का इतना ही लोड है तो शासन ने अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुपर स्पेशलिटी बनाने की ओर ध्यान क्यों नहीं दिया। इसके कारण कई उन मरीजों की मौत हो जाती है, जिन्हें बचाया जा सकता था।

अस्पताल की सुविधाएं बढ़ाने एवं व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के लिए साल भर में आने वाले करोड़ों रुपयों का क्या उपयोग हुआ और यदि सदुपयोग हुआ तो क्या जेएएच के डॉक्टर अब मरीजों का मर्ज समझने की योग्यता खो चुके हैं या फिर यह एक सुनियोजित षडयंत्र है जिसे ग्वालियर का मेडीकल माफिया आपरेट कर रहा है। सरकारी अस्पताल को फैल घोषित करके मरीजों को प्राईवेट अस्पतालों की ओर डाइवर्ट करने का प्रयास किया जा रहा है।

विद्युत अधिकारियों पर हत्या का प्रकरण दर्ज करने की मांग

ग्वालियर। बिजली कंपनी की लूट अब हत्यारी मुहिम साबित हो रही है, शंकरपुर की घटना से यह साबित हो गया है कि पुलिस और प्रशासन बिजली कंपनी की लूट सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं।

माकपा के जिला सचिव मंडल ने यह आरोप लगाते हुये कहा कि इस घटना के आरोपी विद्युत अधिकारियों और प्रकरण दर्ज करने में कोताही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ न केवल कार्यवाही की जाये, बल्कि हत्या का प्रकरण भी दर्ज किया जाये। माकपा ने मांग की है कि इस बात की जांच भी की जानी चाहिए कि विद्युत अधिकारी किसके आदेश पर वहां छापा मारने गये थे, जबकि इस क्षेत्र के उपभोक्ता नियमित बिल जमा कर रहे हैं।

माकपा ने कहा कि बिजली कंपनियों की कैग से जांच करने के आदेश के बाद अब बिजली कंपनियाँ तिलमिला रही हैं और म.प्र. की भाजपा सरकार बिजली कंपनियों की लूट बढ़ाने में मददगार साबित हो रही है। माकपा ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रूपये देने की मांग करते हुये कहा कि इस घटना के बाद आई उत्तेजना का बहाना बनाकर पुलिस निर्दोष नागरिकों पर दमन का रास्ता तलाश रही है।

कुछ अन्य जागरूक लोगों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से बिजली अधिकारियों पर तुरंत हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग भी की है, इन लोगों का कहना है कि बिजली कंपनी वाले मनमाने ढंग से दुव्र्यवहार करते हैं, इसके चलते मुस्लिम समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति को धक्का देकर गिरा दिया अब शासकीय कार्य में बाधा का प्रकरण लगवाने का प्रयास बिजली अधिकारी कर शासन को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं, कई वर्षों से जमे अधिकारी क्षेत्र में कई झूठे प्रकरण कायम कर चुके हैं, जो कोर्ट में चल रहे हैं, इस मृत्यु के मामले में स्पष्ट होने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के विरूद्ध पुलिस बहोड़ापुर ने प्राथमिकी दर्ज नही की। सरकारी अधिकारियों को बचाने के पूरा शासन लगा हुआ है।

लोकायुक्त के मामले में डबल स्टेंडर्ड, कुरैशी चार माह बाद भी पद पर विराजमान।

ग्वालियर। लोकायुक्त द्वारा राजस्व विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर पर मारे गये छापे में 100 करोड़ रूपये की सम्पत्ति बरामद होने के बाद शासन ने 24 घंटे में आरोपी रविकांत द्विवेदी को सस्पेंड कर दिया। जबकि चार माह पूर्व ग्वालियर में लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज मामले में सहायक रजिस्ट्रार फम्र्स एवं सोसायटी को शासन ने अभयदान दिया हुआ है वह खुलकर कार्यालय में वैध-अवैध कार्य एवं सबूतों को निपटाने का कार्य कर रहे हैं, कई शिकायतें होने के बाद भी वाणिज्य एवं उद्योग विभाग, मुख्य सचिव म.प्र. शासन एवं लोकायुक्त द्वारा उक्त अधिकारी पर कोई कार्यवाही नही की जा रही। इससे लोकायुक्त की कार्यवाही भी संदेह के घेरे में आ रही है, एक अधिकारी को सस्पेंड, और दूसरे पर मेहरवानी यह लोगों को समझ में नही आ रहा है। जागरूक लोगों ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से तुरंत कार्यवाही कर सहायक रजिस्ट्रार फम्र्स सोसायटी को निलंबित करने की मांग की है।

घर में घुसने से रोका तो दे दिया धक्का: इमाम की मौत, पथराव हंगामा

ग्वालियर। बिजली कंपनी की बिजलेंस टीम किसके आदेश से और बिना पुलिस बल के शंकरपुर, बहोड़ापुर थाना क्षेत्र में पहुंची, कथित सुरक्षा गार्ड एवं उप महाप्रबंधक एपी सहगल ने गांव के काजी व इमाम हाजी अब्दुल गफूर खाँ उम्र करीब 60 वर्ष को धक्का दे दिया।

जिससे उनकी छत से गिरने से मौत हो गई, उसके बाद एक समुदाय के लोगों ने बिजली अधिकारियों की झूमाझटकी कर दी और पुलिस ने पहुंचकर बिजली अधिकारियों को बचाया। एएसपी यूसुफ कुरेशी, सीएसपी रक्षपालसिंह, टीआई आरएस परमार तथा एसडीएम विदिशा मुखर्जी ने 1 घंटा चक्का जाम चलने के बाद कार्यवाही के आश्वासन पर जाम खोला। क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्ति के बिना बताये, बिजलेंस की टीम का सिविल ड्रेस में घुसने का विरोध इमाम ने किया था, इस पर उप महाप्रबंधक के एवं गार्ड ने डंडा मारते हुये, धक्का दे दिया।

पथराव तोड़फोड़ हंगामे के बाद पुलिस बल आने पर स्थिति नियंत्रित हुई। मृतक के बेटे अमर हुसैन का कहना था कि बिजली कर्मचारी बिना बताये, घर में घुसकर छत पर चढ़ गये और पिताजी को पहले डंडा मारा उसके बाद छत से धक्का देकर नीचे गिरा दिया, जिससे उनकी मौत हुई। उधर सिटी महाप्रबंधक पीके तिवारी जिनके निर्देश पर टीम गई थी, उन्होंने अपने कर्मचारियों को बचाने के लिए कहा, हाजी कब गिरे, बिजली अधिकारियों को नही मालूम।

घटना के बाद शंकरपुर में माथम छा गया, जेई अनिकेत अग्रवाल सिक्युरिटी गार्ड मानसिंह और उपमहाप्रबंधक एपी सहगल तथा महाप्रबंधक पर प्रकरण दर्ज करने की मांग क्षेत्र में काफी जोर पकड़ रही है। बताया जाता है कि पूर्व में भी सिटी महाप्रबंधक एवं उपमहाप्रबंधक सहगल जो कई सालों से पदस्थ हैं, कई विवादास्पद कार्य कर चुके हैं, इस घटना के बाद इनके खिलाफ पुलिस कार्यवाही की मांग उठी है। अब देखना है कि बिजली अधिकारी द्वारा इमाम के मारे जाने पर शासन और पुलिस सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हैं या नहीं।

फर्जी रजिस्ट्री पर पांच पर मामला दर्ज

डबरा। फर्जी दस्तावेज एवं फर्जी नामांतरण की किताब के आधार पर पुलिस ने दिल्ली के प्रभावशाली कामायनी राजा कनवर की शिकायत पर आरोपी प्रमोद कुमार दुबे, हरीओम शर्मा विजकपुर, नरोत्तम शर्मा, रासिद काजी पिछोर, द्वारिका प्रसाद साहू जवाहर काॅलौनी के विरूद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा जांच के उपरांत दर्ज कर दिया है, उक्त लोगों ने धोकाधड़ी कर किसान नारायणी वाई, शिवचरन, विजय, निरपत सेन, सुरजीत सिंह, प्रभा, हरप्रसाद, रोशन, लज्जाराम, तीतुरिया, भगवानदास, मिथला, अमरसिंह, कलुआ के नाम पर सैकड़ों बीघा जमींन की रजिस्ट्री कामायनी राजा कनवर जो एक प्रभावशाली मंत्री के रिश्तेदार बताये जाते हैं, को रजिस्ट्री करदी। पूर्व में इन लोगों के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज हो चुके हैं।


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