राकेश दुबे@प्रतिदिन। नरेन्द्र मोदी की हुंकार के बाद नीतीश कुमार ने जो चाहा कहा और बात यहाँ तक बड़ी की मोदी की हुंकार यात्रा के दौरान हुए धमाकों की अनदेखी बिहार सरकार के मत्थे आ गई | केंद्र और बाद में उत्तरप्रदेश सरकार ने आई बी के अलर्ट की हकीकत को उजागर कर दिया |
अब एन आई ए की जाँच ने साबित कर दिया है इंडियन मुजाहिदीन के तार बिहार में कितनी गहराई तक बिछे हुए हैं | इतनी हुज्जत के बाद अब बिहार सरकार 2 नवम्बर बिहार यात्रा के दौरान नरेंद्र मोदी को “राजकीय मेहमान” मान रही है |
अब सवाल यह खड़ा है कि राजनीतिक मतभेदों का किस स्तर तक निर्वहन किया जाये ? और प्रशासनिक मशीनरी को क्या सन्देश देना चाहिए ? बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार का मोदी और दक्षिण पंथी विचारधारा के विरोध के तरीके ने निचली मशीनरी को गलत सन्देश दिया था | जिससे बम विस्फोट जैसी वारदात में अनेक निरपराध लोग मारे गये | नरेंद्र मोदी की बम विस्फोट के बाद भाषण देने की भी आलोचना हुई |
राजनीति देश में दो धाराओं में बंटी हुई है | कुछ अवसरवादी नेता यहाँ से वहां सुविधा के लिए आते जाते रहते हैं | कुछ सी बी आई केद्र से पाले बदलते हैं | पूरे विश्व में लोकतंत्र दो धाराओं में बनते हुए है, परन्तु जितनी नफरत और अवसरवादिता भारत में विचारधारा के स्तर पर है विश्व में कहीं नहीं है | देश समर्पण से बनते है नफरत से नहीं यह सब को सोचना चाहिए, पहले उनको जो तुष्टिकरण की राजनीति का गंदा खेल खेलते है और दूसरे पर आरोप लगाते है | कुछ तो भी आरोप के बाद मेहमान मानना मजबूरी है, क्योंकि राजधर्म भी जरूरी है|
लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क 9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com