अब मिसेज सीएम के खिलाफ परिवार दायर

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नि साधना सिंह के खिलाफ आज भोपाल जिला अदालत में ग्राम बैस, तहसील व जिला विदिशा में पुरातत्त्व विभाग के संरक्षित स्मारक हेलियो डोरस स्तंभ खान बाबा के निकट अवैध रूप से गोदाम का निर्माण करने के विरुद्ध व्यक्तिगत परिवाद दायर किया है। इससे पूर्व इनके रिश्तेदारों के खिलाफ भी एक परिवार चर्चा में हैं।

भोपाल की जिला अदालत में माननीय न्यायाधीश श्री मनोज श्रीवास्तव के अदालत में विदिशा के श्री दरबार सिंह राजपूत द्वारा प्रस्तुत व्यक्तिगत परिवाद में कहा है कि हेलिया डोरस स्तंभ भारत सरकार के भारतीय पुरातत्त्व के सर्वेक्षण के अंतर्गत संरक्षित स्मारक की श्रेणी ‘डी‘ में रखा गया है। प्राचीन स्मारक पुरात्त्वीय स्थल अवषेष अधिनियम 2010 के प्रावधानों के अनुसार संरक्षित स्मारक है और संरक्षित क्षेत्रों के न्यूनतम निषिद्ध क्षेत्रों की सीम से 100 मीटर चतुर्दिक निषिद क्षेत्र है तथा उसके आगे 200 मीटर चतुर्दिक क्षेत्र में निर्माण, जीर्णोद्वार, मरम्मत, खनन एवं नवनिर्माण सक्षम अधिकारी की पूर्व अनुमति के बिना पूर्णतः वर्जित है।

परिवाद में कहा गया कि श्रीमती साधना सिंह ने ग्राम बैस की अपनी स्वमित्त्व की भूमि पर गोदामों का निर्माण बिना वैध अनुमति के हेलियों डोरस स्तंभ की सीमा से लगभग 84 मीटर की दूरी पर किया है। उनके द्वारा किए गए निर्माण के संबंध में षिवराज सिंह चैहन को पूरी जानकारी है, क्योंकि वह उनके पति है तथा प्रदेष के मुख्यमंत्री है। परिवाद में कहा गया कि अवैध निर्माण के संबंध में जब अधीक्षण पुरातत्त्वीय भारतीय पुरातत्त्व संरक्षण के यहां से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई है, तब उन्होंने ये जानकारी दी गई कि ‘‘उक्त स्मारक के संरक्षित क्षेत्र में निर्माण कार्य हेतु भारतीय पुरातत्त्व संरक्षण द्वारा किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है तथा यह भी उल्लेखित किया कि संरक्षित क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति/संस्था द्वारा कोई अवैध निर्माण कार्य नहीं किया गया तथा निषिद्ध/प्रतिबंधित क्षेत्र में किए गए अवैध निर्माण कार्यों को हटाने हेतु पुरातत्त्व विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण विभाग के पत्र 7 मार्च, 2012 में उल्लेखित है।‘‘ उक्त पत्र में श्रीमती साधना सिंह के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है, जबकि जो अवैध निर्माण किया गया हैं, वह प्रतिबंधित 100 मीटर के अंदर है, जिसे वास्तविक रूप में देखा जा सकता है।

परिवाद में कहा गया कि षिवराज सिंह चैहान वर्तमान में मध्यप्रदेष के मुख्यमंत्री हैं और उनके प्रभाव से कोई भी अधिकारी उनके विरुद्ध कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं करता और न ही उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही करने हेतु तत्पर है। परिवाद में दरबर सिंह ने कहा कि जब उन्होंने षिवराज सिंह चैहान मुख्यमंत्री के पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी पत्नी और अपने स्वयं को लाभान्वित करने के दुराषय से राजस्व विभाग एवं पुरातत्त्व विभाग के अधिकारियों पर विपरीत प्रभाव डालकर षड़यंत्रपूर्वक मौके पर अक्स में भी परिवर्तन कराया गया है। यह बात इससे स्पष्ट होती है कि वर्ष 1949-50 में जो भूमि पुरातत्त्व विभाग के लिए आरक्षित थी, उसके अनुसार जो राजस्व अक्स है, वह और वर्तमान में जो राजस्व अक्स तैयार किया गया है, उसमें भिन्नता है, जो कि अभियुक्तगणों के प्रभाव से परिवर्तित किया गया है, ताकि अवैध रूप से गोदाम बनाए जा सकें। उक्त दस्तावेजों के अवलोकन से स्पष्ट है कि मौके पर जो गोदाम बनाए गए हैं वह ठीक विपरीत हैं तथा निषेधित क्षेत्र के अंदर बनाए गए हैं।

परिवाद में कहा गया है कि अभियुक्तगणों द्वारा सोच समझकर, आपस में सांठ-गांठ कर सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर कर अभियुक्तगणों को बनाया गया और उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसकी षिकायत महानिदेषक केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो में की गई लेकिन आज दिनांक तक उनके द्वारा अभियुक्तगणों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई और न ही प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। परिवादी ने माननीय न्यायालय से निवेदन किया है कि परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद पत्र स्वीकार किया जाकर प्रकरण में संज्ञान लेते हुए अभियुक्तगण एवं जो भी दोषी पाए जाते है उनके विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावे जो न्यायोचित एवं न्याय संगत होगा।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !