भोपाल। सुप्रीम कोर्ट ने दागी नेताओं के मामले में सरकार को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका को ठुकराते हुए दागी नेताओ के चुनाव नहीं लडऩे का फैसला बरकरार रखा है। हालांकि जेल में बंद रहकर चुनाव लडऩे संबंधी सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की मंजूरी दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद दो साल या उससे अधिक की सजा होते ही सांसद या विधायक की सदस्यता खत्म हो जाएगी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की उस पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार है, जिसमें जेल में रहते हुए किसी नेता के चुनाव लडऩे पर प्रतिबंध लगाया गया था।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 व 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने जन प्रतिनिधियों से जुड़े दो अहम मामलों में ऐतिहासिक फैसले दिए थे। 10 जुलाई के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी भी मामले में कोई भी कोर्ट अगर किसी सांसद को दो साल से अधिक की सजा सुनाती है तो सांसद भले उस सजा के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करे, उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द हो जाएगी। वहीं 11 अगस्त को दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यदि कोई व्यक्ति जेल में है और वोट नहीं दे सकता तो वह चुनाव भी नहीं लड़ सकेगा।