आरबीआई के निर्देश: बैंक रियल्टी सेक्टर की 80:20 स्कीम बंद करें

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भोपाल। मंदी में फंसे रियल्टी सेक्टर एक और झटका लगा है। आरबीआई ने बैंकों से 80:20 स्कीम पर रोक लगाने को कहा है। साथ ही, आरबीआई ने अधूरे प्रोजेक्ट पर लोन नहीं देने की भी सलाह दी है।

आरबीआई के मुताबिक अधूरे प्रोजेक्ट्स के लिए होम लोन देना जोखिम भरा है। होम लोन देते वक्त कंस्ट्रक्शन की स्थिति समझना जरूरी है। होम लोन के लिए बिल्डिंग कितनी बनी है ये जानना जरूरी है। आरबीआई ने होम लोन देते वक्त बैंकों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। बैंक कंस्ट्रक्शन के हिसाब से ही लोन दें।

हम आपको बता दें कि इन दिनों भोपाल में बिक रही प्रॉपर्टी में से 25 फीसदी 80:20 स्कीम के तहत बिक रही हैं। इस स्कीम से बिल्डर और ग्राहक दोनों को फायदा होता है। बिल्डर को पूरा होम लोन एक साथ पहले ही मिल जाता है। साथ ही ग्राहक की ईएमआई फ्लैट के पोजेशन के बाद शुरू होती है। रियल एस्टेट के जुड़े जानकारों के मुताबिक इस स्कीम के बंद होने से सेक्टर और ग्राहक दोनों का नुकसान है।

80:20 स्कीम पर लोन देने वाले बैंक आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक हैं।

80:20 जैसी स्कीम से बिल्डरों को घरों की बिक्री बढ़ाने में मदद मिलती है। अपनी प्रॉपर्टी की पूरी रकम एक साथ मिलती है और नकदी की दिक्कत से निपटने में मदद होती है।

80:20 जैसी स्कीमों से ग्राहकों को प्रॉपर्टी खरीदने पर केवल 20 फीसदी कीमत का भुगतान करना होता है। प्रॉपर्टी का अधिकार मिलने के बाद ईएमआई देनी होती है और प्रॉपर्टी का अधिकार मिलने तक लोन पर ब्याज का भुगतान बिल्डर करता था।

एचडीएफसी की एमडी रेणु सूद कर्नाड का मानना है कि आरबीआई की 80-20 स्कीम सख्त नहीं है, बल्कि इससे बैंकों का जोखिम कम होगा, साथ ही जितना कंस्ट्रक्शन पूरा हो चुका होगा उस पर ही लोन मिलेगा। आरबीआई ने होमलोन पर कोई सख्ती नहीं की है बल्कि अधूरे प्रोजेक्ट्स के लिए होम लोन देने में जोखिम कम करने की कोशिश की है। आरबीआई ने होमलोन पर कोई सख्ती नहीं की है बल्कि अधूरे प्रोजेक्ट्स के लिए होम लोन देने में जोखिम कम करने की कोशिश की है।

क्रेडाई के चेयरमैन ललित कुमार जैन का मानना है कि आरबीआई का होमलोन पर सख्त होना न सिर्फ कंज्यूमर बल्कि इकोनॉमी के लिए भी परेशानियां बढ़ा सकता है। उनके मुताबिक कोई भी फैसला लेने से पहले आरबीआई को स्टेक होल्डर से बात जरूर कर लेनी चाहिए।

इससे पहले भी आरबीआई के फैसलों से हाउसिंग सेक्टर की दिक्कतें बढ़ी हैं। इस नए फैसले के बाद कंज्यूमर के लिए भी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। ललित कुमार जैन के मुताबिक बिल्डर या डेवलपर बेहतर कैश फ्लो मैनेजमेंट के लिए 80:20 जैसी स्कीम चलाते हैं। किसी भी प्रोजेक्ट के सारे फ्लैट 80:20 स्कीम के तहत नहीं बेचे जाते हैं। 80:20 स्कीम रोकने का असर बैंकों के एनपीए पर भी पड़ेगा।

एचडीएफसी के सीईओ केकी मिस्त्री ने होम लोन के नियम सख्त किए जाने के आरबीआई के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे होम लोन देने वाली कंपनियों और बैंकों का जोखिम कम होगा। साथ ही होम लोन का दुरुपयोग भी रुकेगा।

आरबीआई का कदम सही दिशा में है। हालांकि इस कदम से लिक्विडिटी की दिक्कत बढ़ जाएगी। आरबीआई ने 80:20 जैसी स्कीमों को पूरी तरह बैन नहीं किया है। बिल्डर्स चाहें तो 80:20 जैसी स्कीम जारी रख सकते हैं।

80:20 जैसी स्कीम आम ग्राहकों के बजाए निवेशकों पर ज्यादा फोकस करती थी लेकिन अब इनका रुझान घटने का खतरा बन गया है। हालांकि आरबीआई के कदम से बैंकों के एनपीए बढ़ने का खतरा नहीं है।

कल के आरबीआई के कदम के बाद प्रॉपर्टी की कीमत में थोड़ी कमी हो सकती है लेकिन ज्यादा गिरावट की आशंका नहीं है।

नेशनल हाउसिंग बोर्ड के एमडी आर वी वर्मा का कहना है कि आरबीआई के फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर को झटका नहीं लगेगा। इस कदम से ग्राहकों, बिल्डर्स और निवेशकों को फायदा ही होगा। 80:20 जैसी स्कीम के तहत ज्यादा प्रोजक्ट नहीं चल रहे थे।

आर वी वर्मा के मुताबिक लेनदारों को पैसा तभी मिलना चाहिए जब कंस्ट्रक्शन चल रहा हो। इससे बिल्डर को अपना काम करने के बाद ही पैसा मिलेगा। हालांकि कुछ लिक्विडिटी की दिक्कत हो सकती है। बैंक अब ज्यादा सतर्कता के साथ लोन देंगे जिससे डिफॉल्ट होने का खतरा कम होगा।

80:20 स्कीम के तहत लोन देने वाले बैंकों की संख्या कम ही है। इसके बाद बैंकों के एनपीए बढ़ने का खतरा कम हो जाएगा। इस फैसले के बाद प्रॉपर्टी कीमतों पर दबाव देखा जाएगा जिससे मांग बढ़ेगी।

डीएलएफ के ग्रुप सीएफओ अशोक त्यागी का कहना है कि आरबीआई ने 80:20 स्कीम को बंद करने का फैसला लेने से पहले रियल एस्टेट कंपनियों से कोई सलाह मशविरा नहीं किया। हालांकि आरबीआई ने अभी बैंकों को इसे बंद करने की सलाह दी है इसे पूरी तरह बंद नहीं किया है। इसके चलते बैंक अपने बचाव के कदम उठाएंगे।

इस कदम से कंपनियों के कैश फ्लो पर कोई ज्यादा प्रभाव नहीं आएगा वहीं डीएलएफ पर भी इस कदम से ज्यादा असर नहीं होगा। डाएलएफ का एक ही प्रोजक्ट 80:20 स्कीम का है और डीएलएफ ने इस स्कीम से 500 करोड़ रुपये जुटाए हैं।

अशोक त्यागी के मुताबिक आरबीआई के कदम का सबसे बड़ा प्रभाव ग्राहकों पर पडे़गा और रियल एस्टेट कंपनियों की बिक्री पर पड़ेगा।
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