भोपाल। शालीमार एनक्लेव में रहने वाली अंजू गुप्ता ने दाम बढ़ने पर सोना बेचने का निर्णय लिया तो वे इस बात पर हैरान रह गईं कि ज्वैलर ने उन्हें 31,700 रुपए प्रति 10 ग्राम दाम बताया। वे कहती हैं कि टीवी और अखबार में तो सोने के दाम 35 हजार रुपए बताए गए हैं। इतना अंतर पहले कभी नहीं देखा।
दरअसल, राजधानी के सराफा बाजार में ज्वैलर्स खरीद मूल्य का हवाला देकर सोना पुराने दाम पर ही ले रहे हैं। यहीं नहीं, चार महीने पहले जब सोने के दाम लगातार गिर रहे थे, तब घाटे का हवाला देकर ज्वैलर्स ने कम दाम पर सोना बेचने से इनकार कर दिया था। बाजार में तेजी आते ही सराफा बाजार में सोना-चांदी बेचने वालों की संख्या भी बढ़ गई है। इसमें वे लोग ज्यादा हैं, जिन्होंने निवेश की दृष्टि से सोना खरीदा था।
सराफा बाजार में 15 दिन पहले तक सारे दाम मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) के हाजिर दामों के आधार पर तय किए जा रहे थे। इसके साथ ही बढ़े आयात शुल्क के नाम 50 रुपए प्रति ग्राम तक प्रीमियम भी लिया जा रहा था, लेकिन बाजार में अचानक ग्राहक नदारद होने और बिकवाली बढ़ने से आधार बदल गए हैं। गौरतलब है कि बीते दो माह में सोने के दाम 24 फीसदी बढ़े हैं।
चांदी की अलग कहानी
गुरुवार को स्थानीय सराफा में चांदी का भाव 58,200 रुपए प्रति किलो था, जबकि एमसीएक्स में इसके हाजिर दाम 55,600 रुपए के आसपास थे। इसकी वजह पूछी तो बताया कि बुधवार को चांदी सस्ती बेची थी, इसलिए नुकसान कवर कर रहे हैं।
बेचने वालों के लिए दाम और कम
सोना गुरुवार को भले सर्राफा मार्केट में 32,000 रुपए बताया जा रहा था। लेकिन खरीदारी करने आए लोगों को 31,500 और 31,700 रुपए दाम बताए गए। रोशनपुरा निवासी पूर्वा राय कहती हैं कि जब टीवी पर 35 हजार का दाम देखकर उन्होंने सोना बेचने के लिए भाव पूछा तो उन्हें 31,500 का दाम बताया गया। खरीदने के लिए यह दाम 32,000 रुपए ही थे।
क्या है एमसीएक्स
एमसीएक्स देश का प्रमुख वायदा बाजार है। यहां भविष्य की जरूरतों के लिए सोना-चांदी समेत दूसरी वस्तुओं की खरीद-बिक्री होती है। ये सौदे माह के आधार पर होते हैं।
ऐसे तय होते हैं दाम
भोपाल सराफा बाजार में अप्सरा ज्वैलर्स के आशीष अग्रवाल दाम तय करते हैं। वे कहते हैं कि हम बांबे बुलियन एसो. से रोजाना होने वाले सौदों में 100 रुपए जोड़कर दाम तय करते हैं। गुरुवार को वहां दाम 31,900 रुपए थे, इसलिए यहां दाम 32,000 रुपए रखा। हालांकि जानकार कहते हैं कि सर्राफा कारोबारी आपस में होने वाले सौदों के लिए दिनभर दाम बदलते हैं।
जब ग्राहक बढ़ते हैं तो दाम भी बढ़ जाते हैं
इस वर्ष 16 अप्रैल को स्थानीय बाजारों में सोने के दामों में 1200 रुपए की गिरावट आई थी। इसके बाद सोना 26,700 रुपए प्रति दस ग्राम चला गया था, लेकिन ज्वैलरी खरीदने गए ग्राहकों को 27,500 रुपए का दाम बताया गया था। सर्राफा कारोबारियों का तर्क था कि उन्हें अप्रत्याशित गिरावट के बाद 25 फीसदी तक का घाटा हो रहा है।
सादे कागज पर आवेदन लिखकर उपभोक्ता फोरम में की जा सकती है शिकायत
एडवोकेट व उपभोक्ता मामलों की जानकार संगीता मुहर्रिर ने बताया कि ज्यादातर लोग भविष्य में होने वाली आर्थिक दिक्कतों को ध्यान में रखकर ही सोना खरीदते हैं।
ऐसे में जब यह सुनिश्चित होना चाहिए कि वे जब बेचने जाएं तो उन्हें उसका उचित दाम मिले। अगर ऐसा नहीं होता और किसी भी वजह से उन्हें कम दाम मिलते हैं तो वे ज्वैलर्स के खिलाफ उपभोक्ता फोरम जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए उनके पास बिल या रसीद होना चाहिए, जिसमें दाम की स्पष्ट जानकारी हो। उपभोक्ता सलाहकार केंद्र के राज्य समन्वयक जयंत शिरोले का कहना है कि उपभोक्ता सादे कागज पर आवेदन लिखकर और रसीद के साथ शिकायत कर सकते हैं। नियमानुसार फीस ५ से लेकर 100 रुपए तक होती है, जो आवेदन के साथ जमा करनी पड़ती है।
सीधी बात: जयमोहन अग्रवाल,
अध्यक्ष, श्री सराफा एसोसिएशन
सोने के भाव एमसीएक्स से इतने कम क्यों हैं ?
एमसीएक्स तो सट्टा है। ज्वैलरी मार्केट में जिस दाम पर सोना मिलता है, उसी पर बेचा जाता है। अभी हमें कम दामों पर मिल रहा है तो हम कम दामों पर बेच रहे हैं।
लोग कह रहे हैं कि बिकवाली ज्यादा है, इसलिए दाम जानबूझकर कम किए गए हैं?
नहीं ऐसा नहीं है।
पहले तो इस तरह अंतर नहीं देखा गया?
पहले इस तरह अचानक गिरावट और बढ़त भी नहीं देखी गई। न ही रुपया इस तरह गिरा।