दिग्गी राज की याद दिला रहा है जैतहरी-राजेन्द्रग्राम सड़क मार्ग

जैतहरी। सड़क, बिजली और शिक्षा तीन ऐसी प्रमुख चीजें थीं जिसके कारण दिग्गी राजा को दस वर्ष तक के लिए राजनीतिक सन्यास लेना पड़ा था । जैतहरी -राजेन्द्रग्राम सड़क मार्ग को देखकर एक बार फिर दिग्गी राजा की याद ताजा हो आती है।

वैसे तो इस सड़क का नमूना आपको जैतहरी में ही मिल जाएगा। जहाँ जैतहरी के भीतर ही राजेन्द्रग्राम की ओर जाने वाला मार्ग एकदम जर्जर है। यहाँ पर सड़क के नाम पर आपको कीचड़ से पटे गड्डे ही नजर आएंगे। यह नगर पंचायत जैतहरी के भीतर का हाल है। फिर आप आगे बढ़ें तो तिपान नदी के पहले वन विभाग के डिपो के पास सड़क का किनारा उखड़ कर सड़क इतनी सँकरी हो गयी है कि  मोटर कार का दूसरा पहिया सड़क से डेढ़ फुट नीचे पगडंडी पर चलाना पड़ता है।

वहाँ भी सँकरी सड़क के बीच कई खतरनाक गड्ढे मौजूद हैं ।तिपान नदी पार करने के बाद से बैहार तक सड़क पूरी तरह जर्जर है और गड्ढों में तब्दील हो चुकी है ।यह क्षेत्र पूरी तरह से आदिवासी क्षेत्र है और शायद इसीलिए शासन-प्रशासन जान बूझकर अपनी आँखें मूँदे हुए है ।

तिपान नदी के बाद से ठेही-गौरेला तक की सड़क दो वर्ष पहले कुछ ठीक थी। उस पर डामरीकरण था और ग्रामीणों का निस्तार ठीक तरह से हो रहा था। दो साल पहले तिपान नदी से लेकर बैहार तक की डामरीकृत सड़क को कुछ मजदूर लगाकर और अधिकाँश हिस्सा बुल्डोजर मशीन से पूरी तरह उखाड़ दिया गया। उस वक्त ग्रामीणों ने डामरीकृत सड़क के उखाड़े जाने का विरोध नहीं किया क्योंकि उन्हें बताया गया था कि जल्दी ही इस सड़क को चौड़ा कर और बेहतर बना दिया जाएगा किन्तु पूरे दो साल से जैतहरी- राजेन्द्रग्राम सड़क पूरी तरह उखड़ी पड़ी है।

बुल्डोजर से उखाड़े गए पत्थर पदयात्रियों, साइकिल और अन्य वाहन चालकों के लिए मुसीबत बने हुए हैं । यहाँ यह भी बता दें कि इसी मार्ग पर तिपान नदी के थोड़ा आगे तीन क्रेशर प्लाण्ट लगे हुए हैं जिनके लिए पत्थर की आपूर्ति इसी मार्ग से की जाती है ।भारी वाहनों के चलने और सड़क उखाड़े जाने के कारण इस सड़क पर जगह -जगह खतरनाक गड्डे बन गए हैं ।इन गड्ढों में बरसात का भरा पानी पोखर जैसा लगता है। इस मार्ग पर चलने वाले जीप जैसे सवारी वाहनचालक सड़क छोड़कर खाली पड़े मैदानों और खेतों पर से वाहन चलाने के लिए मजबूर हैं।

इस मार्ग से जुड़े सैकड़ों गाँव के लाखों ग्रामीणों और छात्र-छात्राओं का निस्तार पूरी तरह से बाधित हो गया है ।इस सड़क का ऐसा हाल तब है , जब क्षेत्र के  माननीय श्री सुदामा सिंह जी सत्तासीन दल के विधायक और युवा तथा कर्मठ प्रशासनिक अधिकारी श्री नंदकुमारम जी अनूपपुर जिला के कलेक्टर हैं।

ठेंगरहा , गोबरी ,गौरेला , ठेही , बैहार , गूँजी , भेलमा , खोलाड़ी , खोलइया , झाँईताल , पगना आदि गाँव के आदिवासी ग्रामीणों ने तत्काल सड़क सुधारने की माँग की है । यदि समय रहते सड़क का फिर से डामरीकरण न किया गया तो किसी बड़े जन आंदोलन से इंकार नहीं किया जा सकता ।ग्रामीणों का आक्रोश जहाँ प्रशासन के लिए मुसीबत का सबब बनेगा तो वहीं आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा सरकार को भी भुगतना पड़ सकता है ।

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