पथरिया/ केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही इंदिरा आवास योजना है। जिसका उद्वेश्य गरीब परिवार के लोगों जिनके पास स्वयं का घर नही है। उनके लिये इस योजना के तहत कुटीरें स्वीकृत की जाती है। जिसमें आवेदक को बीपीएल परिवार में नाम होना व आवासीन में नाम होना के साथ कागजी खाना पूर्ति करके देना होता है, लेकिन शासन की इन योजना केा निचले स्तर पर किस तरह पलीता लगाया जा रहा है।
यह ग्रमीण क्षेत्रों में जाकर मालूम चलता है। जंहा पर संरपच सचिव द्वारा ग्रामीणों से कुटीर दिलानें के नाम पर उन गरीब परिवार के लोगों से अच्छा खासी मोटी रकम ऐठ ली जाती है और आश्वासन देते रहते है कि तुम्हें कुटीर मिल जायेगी गरीब लोग बेचारे इन संरपच सचिव की बात में आकर अपना सामान बेचकर मजदूरी करके जैसे तैसे पैसे की व्यवस्था करते है कि हमें शासन द्वारा रहने के लिये कुटीर मिल जायेगी।
पर पैसा लेने के बाद भी अगर उस हितग्राही को कुटीर नही मिले तो वह बेचारा क्या कर सकता है। गरीब परिवार के लोगों द्वारा अगर संरपच सचिव की शिकायत की जाती है। तो वह अधिकारियों से लेन देन करके उस जांच को वही दबा देते है। अब बेचारे गरीब लोग अपनी मजदूरी करके अपना व परिवार का भरण पोषण करें या फिर अधिकारियों के यहां शिकायत करें एक बार तो चले जातें है पर जब उन्हें मालूम चलता है कि जांच तो हुई पर संरपच सचिव के लेन देन करके सब निपट गया। तो वह भी हार मानकर बैठ जातें है।
ऐसे में वह बेचारे करे भी तो क्या करें शासन जहां एकतरफ गरीबों के नाम पर कई योजनायें बना रही और वाह वाही लूट रही है। गरीबी हटाने के प्रयास किए जा रहे है वही दूसरी ओर सरपंच अैार सचिवो द्वारा मिलकर जनपद पथरिया की ग्राम पंचायतो मे किस तरह योजनाओ को पलीता लगाया जा रहा है
ऐसा ही पथरिया जनपद की ग्राम पंचायत मेहलवारा का हाल है। जहां के गरीब परिवार को इंदिरा आवास कुटीरें स्वीकृत हुई लेकिन हितग्राही को मालूम नही और राशि सरपंच सचिव द्वारा फर्जी तरीके से निकाल ली गई। जब गांव के लोगों द्वारा इसकी शिकायत सामाजिक न्याय एवं पंचायत ग्रामीण विकास मध्यप्रदेश शासन को की गई तो विभाग द्वारा कलेक्टर जिला दमोह को निष्पक्ष जांच कर कार्यावाही के निर्देश दिए गए।
पर कुछ नही हुआ वही ग्राम पीपरखिरिया ग्राम पंचायत मेलवारा निवासी मंजली बहू पति स्व; गुड्रडन सेन ने कलेक्टर दमोह केा शिकायत मे कहा है कि हमंे वर्ष 2010-11 मे इंदिरा आवास योजना के अन्तर्गत मिलने वाली कुटीर के लिए 45000 रू शासन द्वारा मंजूर किए गए थे। जिसकी प्रथम किश्त 22500 मेरी बिना जानकारी के सरपंच अयोध्यारानी और सचिव धर्मेन्द्र पटेल द्वारा फर्जी तरीके से निकाल लिए गए। आवेदिका मझली बहू एक निर्धन बिधवा है जिसके पति की म्रत्यु 2 वर्ष पूर्व एक ट्रेन हादसे मे हो गई थी जिसके 2 छोटे छोटे बच्चे है। ग्राम पंचायत मेलवारा की ही एक और महिला बतीबाई पति स्व; राधे अहिरवाल ने भी अपनी इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत मिली कुटीर की किश्त सरपंच एवं सचिव द्वारा फर्जी तरीके से निकाल ने का आरोप लगाया है जिसका आवेदन जिला कलेक्टर को 26.2.13 को दिया गया है
ग्राम के संतोष तिवारी का कहना है कि पंचायत की ही मायारानी के नाम से भी कुटीर निकली है जो उनको नही मिली जितेन्द्र अहिरवाल, हरिगोविन्द गौतम, बिहारी प्रजापति ने बताया कि पंचायत मे ऐसी कई अनियमितताये सरपंच और सचिव की मनमानी के कारण चल रही है जिसकी यदि शासन द्वारा निष्पक्ष जांच कराई जाए तो शासन को मालूम चले कि ग्राम पंचायत के विकास कार्यो के लिए भेजी जा रही रही राशि का सरपंच और सचिव द्वारा किस प्रकार दुरूपयोग किया जा रहा है। वही जब शासन का नियम है कि जिस परिवार का संरपच हो उसी परिवार का सचिव उस पंचायत में नही होना चाहिये पर ग्राम पंचायत मेहलवारा में उन नियम की भी अनदेखी की गई क्योंकि संरपच भले अयोध्यारानी है पर चला उनके देवर रामकुमार पटैल रहे है वही सचिव भी रामकुमार पटैल के पुत्र है। ग्रामवासियों की जिला कलेक्टर ये मांग है कि ग्राम पंचायत मेहलवारा की निष्पक्ष जांच कराई जावें। वही संरपच सचिव पर कार्यवाही की जावें जिनके द्वारा फर्जी तरीके से उन हितग्राहियों के पैसे निकाले गये है।
सड़क मार्ग में घूल के गुब्बारों से जनता का चलना दूभर
पथरिया- दमोह से गढाकोटा तक एमपीआरडी के तहत बनायी जा रही सड़कों में धूल के गुब्बारें उड़ने से जनता परेशान व दिनों दिन दमा के मरीज भी बढते जा रहे है साथ ही अंाखों में जलन भी होती है। लेकिन ठेकेदारों द्वारा कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। कि धूल उड़ने से लोगों को परेशानी ना हो इसके लिये पानी सड़कों पर पानी डाला जायें धूल इतनी उड़ती है कि सामने से आने वाला दिखाई भी नही देता है। वही डम्फर जैसे बडे वाहनों से तीव्र धूल उड़ने लगती है। जिससे कई दुर्घटनायें भी घटित हो चुकी है। पर फिर भी शासन प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई जिससे ठेकेदारों द्वारा पानी नही डाला जा रहा है। लोगों की जिला कलेक्टर से मांग है। कि ठेकेदारों को निद्वेश दिये जायें कि सड़कों पर पानी डाला जायें ताकी धूल नही उड़ें।