नारायणीयम् यज्ञ में महकी वसुधैव कुटुंबकम की सुगंध

shailendra gupta
भोपाल। भारतीय योग अनुसंधान केन्द्र परिसर में चल रहे नारायणीयम् यज्ञ में आज वसुधैव कुटुंबकम की भावना का उद्घोष करते हुए आहुतियां डाली गईं। योगिनी वी. वी. कल्याणी सुब्रमणियन और इटली से आईं महामंडलेश्वर गायत्री देवी(एमी ब्लेसियो) ने वेदों की ऋचाओं की ध्वनि के बीच औषधीय हवन सामग्री यज्ञ वेदी को समर्पित की।

पांच दिनों से लगातार यज्ञ वेदी को समर्पित की जा रहीं वनौषधियों के धुएं की खुशबू ने आसपास के वातावरण को नई ऊर्जा से भर दिया है। आज यज्ञ के हवन में शामिल हुए श्रद्धालुओं ने नारायणीयम् पाठ में भी हिस्सा लिया। इसी परिसर में अंतर्राष्ट्रीय योग कंफेडरेशन ने प्राकृतिक चिकित्सा शिविर भी लगाया है। इस शिविर में कई गंभीर रोगों से प्रभावित व्यक्तियों का इलाज भारतीय चिकित्सा पद्धतियों से किया जा रहा है। शिविर में लकवा पीड़ित मरीजों और रहस्यमयी बाधाओं से प्रभावित लोगों का भी इलाज किया जा रहा है। एक ऐसी ही महिला का इलाज भी यज्ञीय चिकित्सा विधि से चल रहा है।

परिसर में आज इंडो यूरोपियन चैंबर आफ स्माल एंड मीडियम एंटर प्राईजेस का प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में संगठन के भारतीय प्रमुख विजय तिवारी ने बताया कि ये संगठन भारतीय उद्यमियों को यूरोप के देशों में कारोबार फैलाने के लिए मार्गदर्शन करता है। इसके साथ ही लगभग पैंसठ देशों के उद्यमियों को हिंदुस्तान में कारोबार फैलाने में भी मदद करता है। उन्होंने बताया कि ये संगठन भारतीय युवाओं को अपना रोजगार विकसित करने में मदद करता है। 

उन्होंने कहा कि भारत और यूरोप के कई देशों में कम्यून की भावना से जुड़े उद्योग विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इससे जहां कम लागत में औद्योगिक विकास हो सकेगा वहीं रोजगार के ज्यादा साधन भी विकसित हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि वेदों में वर्णित वसुधैव कुटुंबकम की भावना पर ही इंडो यूरोपियन चैंबर आफ स्माल एंड मीडियम एंटर प्राईजेस नाम का ये संगठन पैंसठ देशों के युवाओं का मार्गदर्शन कर रहा है। इटली से आए पटकथा लेखक श्री पावलो ने भी चर्चा में भाग लिया।

यज्ञ के प्रथम सत्र में भाग लेने के बाद मंगलवार को सुश्री एमी ब्लेसियो एमपी नगर स्थित विदेशी भाषा अध्ययन केन्द्र में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होंगी। इस केन्द्र में कंफेडरेशन से जुड़े सभी पैंसठ देशों की भाषाएं सिखाई जाएंगी। भारतीय योग अनुसंधान केन्द्र स्थानीय युवाओं को महर्षि पतंजलि योग विद्याओं से शिक्षित करके इन देशों में भेजने की व्यवस्था करेगा। जिन देशों के विद्यार्थी महर्षि पतंजलि की जन्मभूमि भोपाल आकर योग विद्या का अध्ययन करना चाहेंगे वे भी इस सेंटर में भाषा सीख सकेंगे।
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