
यह आदेश न्यायालय ने एक निजी इस्तगासा की सुनवाई के बाद दिए। गौरतलब है कि 17 जुलाई 2011 को दिग्विजयसिंह के उज्जैन दौरे के दौरान भारतीय जनता युवा मोर्चा ने विरोधस्वरुप काले झंडे दिखाए थे, तब कांग्रेसी नेताओं और भाजयुमो कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प हो गई थी, एवं युवा मोर्चा के कार्यकर्ता घायल हो गए थे। युवा मोर्चा ने इसी विवाद के चलते पहले पुलिस थाने में प्रकरण दर्ज कराने का प्रयास किया परंतु जब पुलिस थाने में प्रकरण दर्ज नहीं किया गया तो युवा मोर्चा ने न्यायालय में इस्तागासा दायर किया।