भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रशंसा करते हुए बीजेपी सत्ता-संगठन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पार्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया को अभिमन्यु समझकर घेर रही थी, लेकिन वे अर्जुन बनकर निकले। दूसरी ओर इस हार में सबसे बड़ी चूक संगठनात्मक नेटवर्क की कमजोरी और तालमेल का अभाव माना जा रहा है। इस हार की गाज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान पर गिरना तय है, इसके अलावा आने वाले दिनों में संगठन में भी प्रदेशस्तर पर बड़े फेरबदल की संभावना बढ़ गई है।
कहा जा रहा है कि प्रदेश का एक धड़ा जो विधानसभा चुनाव चुनाव के पहले अपना प्रभाव बनाना चाहता है वो नंदूभैया को अपना शिकार बनाने में जुट गया है। जो चर्चा का विषय है। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ट्वीट किया ‘मध्यप्रदेश की जागरुक जनता, मतदाताओं व कांग्रेस कार्यकर्ता को कोलारस - मुंगावली की शानदार जीत की बधाई। यह अहंकार तथा कुशासन की हार व उम्मीद की जीत है। पहले राजस्थान और अब मध्यप्रदेश ने साबित किया कि बदलाव की आहट दस्तक दे रही है।’ इसके साथ ही उन्होंने फरमान दिया है कि कर्नाटक को छोड़कर जिन राज्यों में चुनाव होने हैं वहां किसी को भी सीएम चेहरे के तौर पर प्रचारित न किया जाए।
AICC ने माना मुकाबला सिंधिया और शिवराज का था
दोनों सीटों पर जीत के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नंबर दिल्ली में बढ़ गए हैं। दोनों उपचुनाव को लेकर एआईसीसी के कम्युनिकेशन विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट में शिवराज सिंह चौहान के साथ सिंधिया का फोटो लगाया है। सुरजेवाला के इस ट्वीट से साफ है कि कांग्रेस के आला नेताओं ने भी यह चुनाव भाजपा-कांग्रेस के बीच होने की जगह पर शिवराज और सिंधिया के बीच मान लिया था। संभवत: मध्यप्रदेश में यह पहला अवसर था जब सिंधिया घराने के लोग ही आमने-सामने दिखे। शिवराज सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ (यशोधरा राजे) और मामी (माया सिंह) ने खुलकर सिंधिया के खिलाफ प्रचार किया। लेकिन बाजी भतीजे (ज्योतिरादित्य सिंधिया) ने मार ली।