नई दिल्ली। पीएम मोदी और राष्ट्रपति की तस्वीरों का निजी कंपनियों द्वारा दिए जाने वाले विज्ञापनों में उपयोग किए जाने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। खबरों के अनुसार निजी कंपनियों, संस्थानों और व्यक्तियों द्वारा विज्ञापनों में पीएम, राष्ट्रपति और सरकारों का नाम, पद और तस्वीरें इस्तेमाल करने के खिलाफ दायर याचिका में मांग की गई है कि निजी विज्ञापनों में राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के अलावा संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की तस्वीर, नाम और पद के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए।
यहां पर बता दें कि Reliance Jio पर इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट विज्ञापनों में बिना सरकार की अनुमति के प्रधानमंत्री की तस्वीर का इस्तेमाल किए जाने के चलते महज 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। राष्ट्रीय प्रतीक चिह्नों और नामों के गलत इस्तेमाल को लेकर बने 1950 के कानून के तहत इतना ही जुर्माना लगाया जाता है। जियो सेवा की लॉन्चिंग के वक़्त रिलायंस ने अपने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक विज्ञापनों में मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल किया था, जिसका विपक्षी राजनीतिक पार्टियों ने कड़ा विरोध किया था।
जानिए क्या है इससे जुड़ा कानून
कानून के सेक्शन-3 के मुताबिक कोई भी व्यक्ति अपने व्यापारिक या कारोबारी उद्देश्य के लिए राष्ट्रीय प्रतीक चिह्नों और नामों का केंद्र सरकार या सक्षम अधिकारी से अनुमति लिए बिना इस्तेमाल नहीं कर सकता।
इस ऐक्ट के तहत करीब तीन दर्जन नामों और चिह्नों की सूची तैयार की गई है, जिनका कोई व्यक्ति सरकारी अनुमति के बिना अपने कारोबारी उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता।
इनमें देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्य के गवर्नर, भारत सरकार या कोई प्रदेश सरकार, महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, संयुक्त राष्ट्र संघ, अशोक चक्र और धर्म चक्र शामिल हैं।