इंदौर। पिछले दिनों कालाधन को सफेद करने के मामले में गिरफ्तार किए गए गगन धवन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इंदौर में सीए अनूप गर्ग के बिचौली स्थित घर के साथ धार कोठी स्थित दफ्तर पर भी जांच की। दावा किया गया है कि यहां ईडी को बड़े पैमाने पर हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग के सुबूत मिले हैं। गगन धवन पर आरोप है कि उसने कुछ कांग्रेसी नेताओं एवं दिग्गज अफसरों का कालाधन सफेद करने का काम किया था।
टीम अपने साथ बोरे भरकर तमाम दस्तावेज सहित इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड भी जब्त करके ले गई। गुजरात से शुरू हुए इस घोटाले में गुजरात और दिल्ली के कुछ कांग्रेस नेताओं के साथ आयकर अधिकारियों पर अंगुली उठ रही है। टीम में दिल्ली और गुजरात के अधिकारी शामिल थे। दिल्ली के कारोबारी गगन धवन से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर टीम इंदौर पहुंची थी।
धवन के साथ गर्ग को भी वडोदरा (गुजरात) स्थित स्टरलिंग बॉयोटेक और उसकी सहयोगी कंपनी को फर्जी दस्तावेजों के जरिए 5383 करोड़ का लोन दिलाने में आरोपी बनाया गया है। गर्ग अक्टूबर 2006 से अक्टूबर 2009 तक आंध्रा बैंक के डायरेक्टर रहे। इस दौरान आंध्रा बैंक की अगुआई वाले बैंकों के कंसोर्टियम ने स्टरलिंग बॉयोटेक और सहयोगी कंपनियों को लोन दिया।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मंजूर किए गए लोन की रकम विदेश तक हवाला और शैल कंपनियों के जरिए पहुंचाई गई। तमाम राष्ट्रीयकृृत बैंकों को चपत लगाने के बाद इसे डूबत खाते में डाल दिया गया था। सीबीआइ ने अगस्त में गुजरात की स्टरलिंग बॉयोटेक के खिलाफ केस दर्ज कर जांच की थी। मामले में कंपनी के डायरेक्टरों, प्रमोटरों के साथ आगे की जांच में तीन आयकर अधिकारियों के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज की गई थी। मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला के तथ्य मिलने के बाद जांच में ईडी भी शामिल हो गया था।