मंत्री नरोत्तम मिश्रा करप्ट प्रैक्टिस के दोषी करार, नहीं लड़ पाएंगे अगला चुनाव

भोपाल। शनिवार की सुबह शिवराज सिंह सरकार के लिए नई समस्या लेकर आई है। सीएम शिवराज सिंह के संकटमोचक मंत्री नरोत्तम मिश्रा को चुनाव आयोग ने करप्ट प्रैक्टिस का दोषी करार देते हुए अगले 3 साल के लिए चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। मप्र में 2018 में विधानसभा चुनाव होने हैं। मिश्रा अब यह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। नरोत्तम मिश्रा पर मध्यप्रदेश में 2008 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पेड न्यूज और करप्ट प्रैक्टिस की शिकायत 2009 में दतिया के पूर्व विधायक ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी। जिसके बाद ये मामला केंद्रीय चुनाव आयोग तक पहुंच गया। फिर इतने सालों के बाद आज ये कार्रवाई की गयी है। मध्यप्रदेश के मंत्री मिश्रा के पास जनसंपर्क के अलावा और भी कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी है। वह शिवराज के काफी करीबी भी हैं।

यह है मामला
दतिया के पूर्व विधायक राजेंद्र भारती ने नरोत्तम मिश्रा पर वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में अखबारों में पेड न्यूज छपवाने का आरोप लगया था और धारा 10 ए के तहत चुनाव आयोग के समक्ष शिकायत की थी। पेड न्यूज का हिसाब चुनाव खर्च में नहीं देने पर उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी।

चुनाव आयोग ने इस मामले को लेकर नरोत्तम मिश्रा को जनवरी 2013 में नोटिस जारी कर बयान के लिए बुलाय था। चुनाव आयोग की कार्रवाई से बचने के लिए उन्होंने हाईकोर्ट की युगल खंडपीठ में याचिका दायर की थी। इस याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने मिश्रा का चुनाव शून्य घोषित कर दिया।

नैतिकता पर इस्तीफा दें मिश्रा
चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद कांग्रेस ने नैतिकता के आधार पर नरोत्त‍म मिश्रा ने इस्तीफा मांगा है। मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष ने ट्वीट कर उन्हें तत्काल इस्तीफा देने की मांग की है। उधर कुछ नेताओं का कहना है कि अगर मंत्री अपना इस्तीफा नहीं दे रहे तो सीएम शिवराज सिंह चौहान को उन्हें हटा देना चाहिए।

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