फर्रूखाबाद जेल पर कैदियों का कब्जा, कई अधिकारी घायल, जेलर समेत 5 सस्पेंड

फर्रूखाबाद/उत्तरप्रदेश। फर्रुखाबाद जिला जेल में एक बीमार बंदी को 'रेफर' करने के बजाय जेल के अस्पताल में ले जाने से बंदियों में आक्रोश फैल गया। बंदी को लोहिया अस्पताल में रेफर करने को लेकर जिला जेल के डॉक्टर और बंदी रक्षक से बंदियों का विवाद हो गया। बंदी बैरकों से बाहर निकल आए और प्रांगण में आग लगा दी। अधीक्षक और जेलर के कक्ष की छतों पर कब्जाकर पथराव शुरू कर दिया जिससे भगदड़ मच गई। सूचना पर पहुंचे अधीक्षक, प्रभारी डीएम, एसपी, सिटी मजिस्ट्रेट, एडीएम ने बंदियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन बंदी नहीं माने। पथराव में प्रभारी डीएम, जेल अधीक्षक समेत समेत कई लोग घायल हो गए। डीआईजी जेल भी दोपहर बाद पहुंचे।

रविवार सुबह लगभग साढ़े आठ बजे जिल जेल के बंदी अतुल कुमार का डॉक्टर नीरज और बंदी रक्षक संतोष से विवाद हो गया। बंदी अपने साथी को लेाहिया इलाज के लिए रेफर करने की बात कह रहे थे जिसको लेकर कहासुनी हुई। इसी बीच बंदी उग्र हो गए और नारेबाजी करते हुए बैरिकों से बाहर निकल आए। बंदियों ने प्रांगण में आग लगाकर पथराव शुरू कर दिया। बंदी जेलर व अधीक्षक के कक्ष के ऊपर चढ़ आए और पथराव करने लगे। सूचना पर कोतवाल फतेहगढ़ अनूप कुमार निगम पहुंचे मगर पथराव के चलते पीछे हट आए। कुछ देर में एडीएम,सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम भी पहुंचे, लेकिन अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। 

एसपी सुभाष सिंंह बघेल फोर्स के साथ पहुंचे। उन्होंने बंदियों को समझाने का प्रयास किया। कुछ देर पथराव बंद हुआ इसके बाद बंदी फिर पत्थर फेंकने लगे। पत्थर जेल के बाहर आकर गिर रहे थे उसी दौरान प्रभारी डीएम एनपी पांडेय आए जो बाल बाल बच गए। उन्हें बॉडी प्रोटेक्टर व हेलमेट पहनाकर जेल के अंदर पहुंचाया गया। बंदी रुक-रुककर पथराव करते रहे। इसी बीच जेल अधीक्षक राकेश कुमार पत्थर लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए।

उन्हें इलाज के लिए लोहिया भेजा गया। बंदी रक्षक संतोष कुमार का भी सिर फूट गया। कोतवाल अनूप कुमार निगम एसपी को बचाने के चक्कर में घायल हो गए। उन्होंने प्राइवेट अस्पताल में उपचार कराया। पत्थर लगने से प्रभारी डीएम एनपी पांडेय के पैर में चोट आई। उन्हें भी लोहिया इलाज के लिए भेजा गया जहां प्रथम उपचार के बाद वह प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने चले गए।

जेलर व पांच सिपाही निलंबित 
फर्रूखाबाद स्थित फतेहगढ़ जिला जेल में रविवार को हुए बवाल में जेलर वीपी सिंह और पांच बंदी रक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। यह जानकारी एडीजी जेल जीएल मीना ने दी। उल्लेखनीय है कि एक बीमार बंदी को 'रेफर' करने के बजाय जेल के अस्पताल में ले जाने से बंदियों में आक्रोश फैल गया। नाराज बंदियों ने हंगामा करते हुए छतों पर चढ़कर नारेबाजी शुरू कर दी। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो बंदी और उग्र हो गए और पथराव करके पुलिस को जेल में घुसने से रोक दिया। जेल में हंगामे की खबर पर जेल अधीक्षक के अलावा एसपी व प्रभारी डीएम भी पहुंचे। पथराव की घटना में सीडीओ सहित कई सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए।

बंदियों की सभी मांगें मानी गईं
दोपहर बाद डीएम प्रकाश बिंदु भी लखनऊ जाते समय आधे रास्ते से वापस लौट आए। एसपी या डीएम ने कई चक्रों में बंदी रक्षकों से वार्ता की जिसके बाद उनकी मांगें मान ली गईं। जिला जेल के डाक्टर नीरज को हटाकर सीएमओ कार्यालय संबद्ध कर दिया गया। वहीं सेंट्रल जेल के डाक्टर विजय अनुरागी को यहां तैनात किया गया है। जेलर डीपी सिंह समेत चार बंदी रक्षकों को भी हटाने के निर्देश जारी कर दिए गए।

बंदियों को शांत कराकर बैरकों में भेजा गया
चार बजे बंदियों को शांत करके बैरकों में भेज दिया गया। डीएम व एसपी ने बताया कि पूरे प्रकरण की कमेटी से जांच कराई जाएगी जो दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। बंदियों ने जो शिकायतें की हैं उनकी जांच होगी। जेलर डाक्टर समेत चार बंदियों को हटा दिया गया है।

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