बालाघाट में दो शासकीय अधिकारी कर्मचारी रिश्वत लेते धराए

बालाघाट। लांजी क्षेत्र के ग्राम पालडोंगरी में शिकायतकर्ता महेन्द्र बल्ले की शिकायत पर सेवा सहकारी समिति पालाडोंगरी के कार्यालय में 29 11. 16 को लोकायुक्त जबलपुर पुलिस ने सहकारिता निरीक्षक को 20 हजार रूपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। शिकायत कर्ता महेन्द्र बल्ले ने बताया मोहझरी निवासी है। जय अम्बे मछुआ समिति मोहारा का पूर्व सदस्य है। निरीक्षक धुर्वे दारा मोहझरी को मोहारा समिति मे नही होना बताकर उक्त मछुआ समिति मे उसे शामिल करने के लिए 25 हजार रूपयों की मांग की थी। 

शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से 29 11 16 को लांजी पहुच कर शिकायतकर्ता से जानकारी ली जब शिकायतकर्ता ने सेवा सहकारी समिति के निरीक्षक से बात करी तो उन्होने सेवा सहकारी समिति पालडोगंरी मे होना बताया एंव वहां उसे राशी लेने बुलाया लोकायुक्त पुलिस ने शिकायतकर्ता को 2. 2 हजार के 10 नये नोट सहकारिता निरीक्षक श्री धुर्वे को देने के लिए दिये गये जिसे महेन्द्र बल्ले दारा सहकारिता निरीक्षक एन.एस. धुर्वे को दिये उसी समय लोकायुक्त पुलिस दारा धुर्वे को रिश्वत लेते हुये धर दबोचा एंव 20 हजार रूपये बरामद कर उसके हाथ धुलाये गये जिससें पानी का रंग बदल गया। 

लोकायुक्त पुलिस की कार्यवाही में डी.एस.पी दीलीप झरबडें निरीक्षक स्वप्निल दास बजय सनकत आरक्षक सागर सोनकर राकेश विश्वकर्मा अतुल श्रीवास्तव शामिल थे। 

वारासिवनी के तहसील के ग्राम गर्रा पंचायत में पदासीन सचिव युवराज दाशरे को लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया। जिसके पास से लोकायुक्त पुलिस ने 500-500 सौ के दो नोट बरामद किये है। जिसके खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण तैयार कर उसे जमानत पर रिहा कर दिया है।वारासिवनी ब्लॉक के गर्रा पंचायत में मकान की आपत्ति प्रमाण पत्र के नाम पर एक हजार की रिश्वत ले रहे सचिव युवराज दाशरे को लोकायुक्त पुलिस के डीएसपी प्रभात शुक्ला और उनकी टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया। शिकायतकर्ता संजय चौधरी की मानें तो उसे बैंक से मकान बनवाने के लिए लोन लेना था। 

जिसके लिए बैंक में पंचायत का अनापत्ति प्रमाण पत्र लग रहा था। जिसके लिए उसने पंचायत में आवेदन देकर अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा था लेकिन पंचायत सचिव उसके लिए 2 हजार रूपये की मांग कर रहे थे। बाद में सचिव से 15 सौ रूपये में बात हुई। जिसके चलते उन्होंने विगत दिनों 500 रूपये सचिव को दिये थे और आज वे उसे 1 हजार रूपये देने आया था। चूंकि उसे पता था कि अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए फीस के अलावा कुछ लगता नहीं है इसलिए रिश्वत मांग रहे सचिव की उन्होंने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत कर दी थी। जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस के निर्देश पर आज वह सचिव को एक हजार रूपये देने गया था। इस दौरान ही लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें रिश्वत के रूपये के साथ रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। 

दूसरी ओर सचिव ने शिकायतकर्ता द्वारा दी गई रकम को रिश्वत नहीं बताते हुए कहा कि वह तो टैक्स का पैसा ले रहा था। हालांकि लोकायुक्त पुलिस का कहना है कि इस मामले में पूरी छानबीन कर ही कार्यवाही की गई है। बताया जाता है कि सचिव युवराज दाशरे पूर्व में जिस पंचायत में था, वहां पर भी उस पर आरोप लगते है। बहरहाल लोकायुक्त पुलिस इस मामले में पकड़ाये जाने के बाद अब उसकी पूरी छानबीन में जुट गई है। 

पांच सदस्यीय टीम लोकायुक्त टीम बालाघाट पहुंची थी। जिसमें डीएसपी प्रभात शुक्ला लोकायुक्त पुलिस टीम में गोविंद, अजय तिवारी, शरद पांडे और अन्य सहयोगी कर्मी साथ थे। जिन्होंने योजनाबद्ध तरीके से शिकायतकर्ता को सचिव के पास भिजवाया और जैसे ही उसने सचिव द्वारा मांगी जा रही एक हजार रूपये की रिश्वत दी, उसी समय लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वतखोर सचिव को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। जिसके पास से रिश्वत के 500-500 सौ के दो नये नोट बरामद किये है। जिसके खिलाफ प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही में लिया गया है।

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