पढ़िए बिजली कंपनियों की धोखाधड़ी, दाम बढ़ाने का षडयंत्र

भोपाल। प्रदेश में बिजली महंगी करने बिजली कंपनियों ने उत्पादन खर्च बढ़ा चढ़ाकर पेश किए हैं। अगले वित्तीय वर्ष में बिजली की मांग में 40 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्ताव में बताई जा रही है, जबकि अब तक हर वर्ष अधिकतम वृद्धि 8 से 10 फीसदी रही है।

बिजली की दरें 24 प्रतिशत महंगी करने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए पीथमपुर औद्योगिक संगठन ने विद्युत नियामक आयोग में मंगलवार को ये आपत्तियां पेश की हैं। संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी ने कहा है कि कंपनियों ने उत्पादन घाटा 465 करोड़ बढ़ाकर पेश किया है।

बिजली संयंत्रों में लोअर ग्रेड का कोयला पहुंच रहा है जबकि बिजली महंगी करने वाले प्रस्ताव में सुपर ग्रेड कोयले के दाम जोड़कर खर्च बढ़ने का दावा है। संगठन ने मांग की है कि बिजली कंपनियों के वार्षिक आवश्यक राजस्व में वृद्धि नहीं करते हुए इसे पिछले वित्तीय वर्ष के बराबर रखना चाहिए। इससे कंपनियों के संचालन में कठिनाई नहीं आएगी और बिजली उपभोक्ताआंे पर अनावश्यक भार भी नहीं पड़ेगा।

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