हाफिज सईद इंडियन है: पढ़िए क्या है पूरा सच

कुछ दिनों पूर्व सोशल साईट्स और कुछ समाचार चैनलों पर आयी खबरों के आधार पर हाफिज सईद को हरियाणवी गुज्‍जर बताया जा रहा है. जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद ने इस बात का खुलासा स्‍वयं किया है. हालांकि विभाजन के वक्त वर्तमान हरियाणा पंजाब का ही हिस्सा था. लेकिन चुकिं हरियाणा बाद में पंजाब से अलग हो एक नया राज्य बना, इसलिए हाफिज सईद ने अपना मूल राज्य हरियाणा ही बताया है.

कराची से छपने वाले एक अखबार रोजनामा उम्मत को दिए इँटरव्यू में हाफिज सईद ने कहा है कि विभाजन के वक्त उनका पूरा कुनबा वर्तमान हरियाणा में बसा था. उसके पिता किसान थे और वो किसान गुज्जर परिवार का था. हालांकि सईद ने हरियाणा स्थित अपने गांव और जिला का खुलासा नहीं किया है. अपने इंटरव्‍यू में सईद ने कहा है कि विभाजन के वक्त जब उसका परिवार भारत से चला तो रास्ते में हिंदुओं और सिखों की टोलियों ने उसके परिवार के 36 लोगों की हत्या की.

सईद के अनुसार विभाजन के बाद उसका परिवार पाकिस्तान के सरगोधा में बस गया जहां पर उसके परिवार के कुछ सदस्य जो पहले आ गए थे ने उनके पिता को रहने के लिए एक मिट्टी की बनी झोपड़ी दी थी. बाद में उसके परिवार को सरगोधा के पास ही स्थित एक गांव में 15 एकड़ जमीन दी, जहां से उसके परिवार के जीवन की दूसरी शुरूआत हुई.

सईद ने अपने दिए इंटरव्यू में कहा है कि उसकी पढ़ाई बहावलपुर स्थित मदरसा में हुई और बाद में उसने इस्लाम और रीलिजन की पढ़ाई पंजाब यूनिवर्सिटी लाहौर से की. साथ ही दो साल के लिए इस्लाम की पढ़ाई के लिए वो सऊदी अरब भी गया जहां बब बिनबाज से उसने इस्लाम को लेकर काफी कुछ सीखा. हाफिज सईद के अनुसार विभाजन के दौरान उसका परिवार पैदल ही पाकिस्तान पहुंचा. उसके ठीक तीन महीनें बाद उसका जन्म हुआ.

सईद के अनुसार उसकी मां अक्सर उसे बताती थी कि वो खुशकिस्मत है कि वो विभाजन के बाद पैदा हुआ, नहीं तो वो जन्म के साथ ही मारा जा सकता था. सईद के अनुसार उसकी दो शादियां हुई है. पहली शादी तो परिवार की ही एक महिला से हुई थी. उससे उसके तीन बच्चे पैदा हुए. उसमें से दो बेटे फिलहाल हाफिज सईद के साथ ही है, जबकि बेटी की मौत हो गई. एक बेटा लाहौर यूनिवर्सिटी में पढ़ाता है. हाफिज सईद ने दूसरी शादी 2002 में की जो एक विधवा थी.

अमेरिका ने पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख सईद पर एक करोड़ डॉलर के इनाम की घोषणा की है. आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज भारत की सर्वाधिक वांछित अपराधियों की सूची में शामिल है. 26/11 मुंबई की घटना में 166 लोग मारे गए थे. अमेरिकी सरकार के ‘रिवाडर्स फॉर जस्टिस’ कार्यक्रम की वेबसाइट पर बताया गया है कि हाफिज़ मोहम्‍मद सईद प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा का प्रमुख और चरमपंथी गुट लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है.

उस पर वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमलों सहित कई आतंकवादी कार्रवाईयों का गंभीर आरोप है. अमेरिका ने दुनिया में आंतकवाद के लिए जिम्मेदार लोगों की जो सूची जारी की है, उसमें हाफ़िज़ सईद को दूसरे स्थान पर रखा है. अमेरिका ने चार बड़े चरमपंथियों पर एक-एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है. उनमें भी हाफिज का नाम शामिल है. भारत की ओर से कहा गया है कि सईद 2008 के मुंबई आतंकी हमलों सहित विभिन्न आतंकी हमलों का संदिग्ध सरगना है.

मुंबई आतंकी हमलों में उसकी भूमिका को लेकर भारत ने सईद के खिलाफ इंटरपोल रेड कार्नर नोटिस जारी कर रखा है वहीं अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने अपने आदेश संख्या 13224 के तहत उसे विशेष निगरानी सूची में रखा है. भारत सरकार 2003, 2005 और 2008 में हुए आतंकवादी हमलों के लिए लश्कर-ए-तैयबा को ज़िम्मेदारी मानती है. भारतीय संसद पर हमले की कड़ी भी इसी गुट से जुड़ती है.

भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद पाकिस्तानी सरकार ने 11 दिसंबर 2008 को हाफिज़ सईद को गिरफ्तार तो किया लेकिन तुरंत ही उसे बेगुनाह करार देकर छोड़ दिया गया. पाकिस्तान में भी जमात-उद-दावा पर प्रतिबंध है लेकिन वह कल्याणकारी कामों के साथ-साथ जिहाद के लिए पैसा भी जुटा रही है, उसके प्रमुख हाफिज़ सईद खुलेआम जिहाद के लिए लोगों को प्रोत्साहित भी करता रहता है. अब ऐसे हालात में हाफिज़ सईद का पाकिस्‍तान में स्वतंत्र रुप से गतिविधियां पाकिस्तानी सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं.

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