गोटेगांव में SAF तैनात, विधायक फरार, चुनाव आयोग कलेक्टर से नाराज

भोपाल। निकाय चुनाव के दौरान गोटेगांव में आतंक मचाने वाले भाजपा विधायक जालम सिंह पर निर्वाचन आयोग ने शिकंजा कस दिया है। आयोग की सख्ती के बाद डीजीपी सुरेंद्र सिंह ने गोटेगांव में स्पेशल आर्म्ड फोर्स की एक कंपनी तैनात की है।

इसके अलावा नरसिंहपुर पुलिस प्रशासन को विधायक और उसके समर्थकों को 2 दिसंबर से पहले गिरफ्तार करने का फरमान भी सुनाया गया है। इस बीच खुद की गिरफ्तारी के डर से भाजपा विधायक जालम सिंह चुनाव प्रचार बीच में ही छोड़कर फरार हो गए हैं।

आयोग के निर्देश पर संभागायुक्त सागर आरके माथुर ने मंगलवार को इलाके का दौरा कर अपनी रिपोर्ट भेज दी है। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि विधायक क्षेत्र में हैं या नहीं इसकी पृष्टि नहीं हो पा रही है। निजी निवास पर भी विधायक और उसके पुत्र मोनू पटेल का सुराग नहीं मिल पा रहा है।

पूछताछ में ये बात भी सामने आई कि विधायक जालम सिंह और उसके समर्थक सोमवार रात तक क्षेत्र में प्रचार करते देखे गए लेकिन मंगलवार से सभी लापता हैं। जालम सिंह और उसके पुत्र पर जानलेवा हमले का प्रकरण दर्ज हुआ है। राजनीतिक दबाव के चलते स्थानीय प्रशासन भी कार्रवाई धीमी गति से करने मजबूर नजर आ रहा है।

गड़बड़ी की जिम्मेदारी शासन की
राज्य निर्वाचन आयुक्त आर परशुराम इस बारे में गृह विभाग को पत्र लिखकर पहले ही हालात के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। प्रकरण में नरसिंहपुर जिला एवं पुलिस प्रशासन की लापरवाही भी खुलकर सामने आई है। आयोग की फटकार के बाद नरसिंहपुर एसपी मनीष कपूरिया ने ये बात मानी थी कि लिखित आवेदन के आधार पर विधायक जालम सिंह और उसके समर्थकों के हथियार थाने में जमा नहीं कराए गए थे। विधायक और उसके समर्थकों ने इन्हीं हथियारों से क्षेत्र में भाजपा नेताओं पर जमकर गोलियां बरसाईं थीं।

इनका कहना है
इस मामले में डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि हर हाल में आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए। प्रकरण में स्थानीय प्रशासन का रवैया असंतोषजनक रहा है।
आर परशुराम, राज्य निर्वाचन आयुक्त

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !