WiFi के बाद अब LiFi आने वाला है, स्पीड 2,24,000 मेगाबाइट प्रति सेकंड

WiFi (wireless fidelity) के बारे में तो आप जानते ही हैं। हो सकता है जी डिवाइस पर आप यह समाचार को पढ़ रहे हैं, वह भी किसी वाईफाई से कनेक्ट हो परंतु अब एक नई तकनीक आ रही है। इस लाईफाई नाम दिया गया है। बताया जा रहा है कि, यह तकनीक स्वास्थ्य के लिए वाईफाई की तुलना में कम हानिकारक है और इस तकनीक का उपयोग करके हम प्रकाश की गति के साथ कोई भी डाटा ट्रांसफर कर सकते हैं। 

Li-Fi क्या है, फुल फॉर्म क्या है

LiFi का फुल फॉर्म Light Fidelity है। यह एक ऐसी तकनीक है जो प्रकाश की शक्ति का उपयोग करते हुए डाटा को ट्रांसमिट करती है। 1996 में पैदा हुआ WiFi वायरलेस कनेक्शन के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी का उपयोग करने वाली टेक्नोलॉजी का नाम है। इस प्रकार दोनों टेक्नोलॉजी एक दूसरे से बिल्कुल अलग है। LiFi की स्पीड WiFi की स्पीड से 100 गुना अधिक हो सकती है और फिलहाल ऐसा कोई उपकरण मौजूद नहीं है जो WiFi को किसी भी स्थिति में LiFi से तेज बना सके। 

LiFi की खोज किसने की

21वीं सदी की शुरुआत यानी सन 2000 में LiFi पर रिसर्च का काम शुरू हुआ था। German Physicist Harald Haas और उनकी टीम ने इस बात की खोज की है कि, डाटा ट्रांसमिशन के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी एकमात्र और अंतिम नहीं है। लाइट का उपयोग भी किया जा सकता है। इस खोज के प्रमाणित हो जाने के बाद फ्रांस की कंपनी Oldecomm द्वारा सन 2008 में LiFi के लिए प्रयोग शुरू किए गए। आपके यादों का पिछले महीने जब यूरोप द्वारा Ariane-6 को अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था तब उसमें टोटल चार एक्सपेरिमेंट किए गए थे। इनमें से एक LiFi के लिए था। 

LiFi की अधिकतम स्पीड कितनी है

अब यह बात पूरी तरह से प्रमाणित हो चुकी है कि LiFi एक Visible Light Communications (VLC System) के रूप में काम करता है। इसमें डाटा LED light bulbs से ट्रांसफर किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को मनुष्य अपनी आंखों से नहीं देख सकता है। इसके लिए उसे कुछ उपकरणों की मदद लेनी होगी। LiFi की अधिकतम स्पीड 2,24,000 मेगाबाइट प्रति सेकंड है। प्राथमिक तौर पर कहा जा रहा है कि यह तकनीकी, Smart cities, Virtual reality, 4K streaming and even Online Gaming के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी। यह एक घर, ऑफिस और अस्पताल में उपयोग करने के लिए काफी उपयोगी साबित होगा क्योंकि LiFi में WiFi की तुलना में काफी कम रेडिएशन उत्पन्न होता है। 

फिलहाल LiFi तकनीक का यूनाइटेड स्टेट्स और दुनिया के कुछ विकसित देशों में रिसर्च एंड डेवलपमेंट चल रहा है। भारत जैसे देशों तक पहुंचने में थोड़ा समय लग सकता है। विनम्र निवेदन:🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में technology पर क्लिक करें।

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