हड़ताल शब्द की उत्पत्ति, सही अर्थ और भारत की पहली हड़ताल कब हुई, पढ़िए Amazing GK facts in Hindi

भारत में हड़ताल एक लोकप्रिय शब्द है और काफी उपयोग किया जाता है परंतु प्रथम विश्व युद्ध से पहले तक भारत में हड़ताल शब्द का उपयोग इस रूप में नहीं किया जाता था, जिसमें आज सर्वाधिक किया जाता है। हड़ताल शब्द की बड़ी मजेदार कहानी है। आइए पढ़ते हैं:- 

हड़ताल शब्द की उत्पत्ति कहां से हुई, किस भाषा का शब्द है, सही अर्थ क्या है

हिंदी भाषा के विशेषज्ञ एवं लोकप्रिय लेखक श्री अरविंद व्यास बताते हैं कि शब्दसागर हिन्दी शब्दकोश के अनुसार हड़ताल शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है। संस्कृत में 1 शब्द है हट्ट (जिसे हाट या बाजार भी कहते हैं) और दूसरा शब्द है + ताल (यानी ताला)। इन दोनों शब्दों का मेल होकर हिन्दी में तद्भव रूप में हड़ताल शब्द आया है। प्राचीन कथाओं में पाया गया है कि जब असमय बाजार बंद किया गया तब हट्टताल शब्द का उपयोग किया गया।अतः अपन यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि हड़ताल शब्द का सही अर्थ नाराज होकर काम बंद करना नहीं बल्कि किसी भी परिस्थिति में असमय बाजार बंद कर रहा था। 

हड़ताल शब्द का कहां-कहां उपयोग किया जाता है

भारतीय संस्कृति में हड़ताल शब्द का उपयोग केवल बाजार बंदी के लिए नहीं किया गया बल्कि और भी कई स्थानों पर किया गया है। राजस्थान का एक लोकप्रिय त्यौहार है ' हरितालिका तीज' इसे भी हड़ताली तीज कहा जाता है। दूर्वा घास की एक किस्म को भी हरितालिका कहते हैं। संस्कृत भाषा में एक विशेष प्रकार के खनिज को हरिताल कहा जाता है। अंग्रेजी भाषा में इस खनिज को yellow orpiment कहते हैं। 

भारत में पहली हड़ताल कब हुई

भारत देश के इतिहास में पहली हड़ताल सन 1827 में कोलकाता (कलकत्ता) शहर में गर्मी के मौसम में हुई। उन दिनों पालकी के अलावा गाड़ियों को भी मनुष्यों द्वारा ढोया जाता था। कोलकाता के कमिश्नर ने एक आदेश जारी करके पालकी उठाने वाले और गाड़ी खींचने वाले लोगों के लिए सरकारी लाइसेंस अनिवार्य कर दिया। कमिश्नर ने उनकी मजदूरी का निर्धारण नहीं किया परंतु भारी-भरकम लाइसेंस फीस का निर्धारण कर दिया। 

उन दिनों पालकी उठाने वाले और गाड़ी खींचने वाले लोगों को काफी कम पारिश्रमिक दिया जाता था। ऐसी स्थिति में लाइसेंस की अनिवार्यता और लाइसेंस फीस ने उन्हें एक ऐसा निर्णय लेने पर मजबूर कर दिया जो भारत में इससे पहले किसी ने नहीं लिया था। सभी ने सामूहिक रूप से काम बंद कर दिया। भारत के इतिहास में इसे पहली मजदूरों की हड़ताल दर्ज किया गया है। 

हालांकि, यह हड़ताल सफल नहीं हो पाई थी लेकिन इसके कारण अंग्रेजी शासन इतना परेशान हो गया था कि उसने गाड़ी खींचने के लिए इंसानों को हटाकर घोड़े और दूसरे जानवरों का उपयोग करना प्रारंभ कर दिया। जो उनके लिए इंसानों से काफी महंगा पड़ा।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!