रमन इफेक्ट क्या है, इससे दुनिया को क्या फायदा हुआ, यहां पढ़िए- General knowledge

भौतिक शास्त्री सीवी रमन को भारत का Great Researcher (महान अनुसंधानकर्ता) कहा जाता है। उन्हें विश्व का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार मिला। भारत रत्न दिया गया और 'सर' की उपाधि भी दी गई। पूरी दुनिया उन्हें सम्मान के साथ सर सीवी रमन कहती है। यह सब कुछ बने रमन इफेक्ट की खोज के कारण मिला। सवाल यह है कि रमन इफेक्ट में ऐसा क्या है। इससे दुनिया को क्या फायदा हुआ। आइए पढ़ते हैं:- 

रमन इफेक्ट क्या है - What is Raman Effect in Hindi

विश्व प्रसिद्ध भौतिक शास्त्री सर सी वी रमन ने खोज करके दुनिया को पहली बार बताया कि लाइट यानी प्रकाश हमेशा सीधी लाइन में नहीं चलता। जब प्रकाश की किरण किसी भी पारदर्शी माध्यम (पानी, कांच या कोई भी ठोस अथवा द्रव्य अथवा गैस) से गुजरती हैं तब उनके स्वभाव में परिवर्तन आ जाता है। प्रोफेसर रमन ने बताया कि प्रकाश की किरण जब माध्यम से टकराती है तो माध्यम में मौजूद कण प्रकाश की किरणों के संगठन को तोड़ देते हैं। ठीक वैसे ही जैसे कैरम बोर्ड में स्ट्राइकर, गोटियों को बिखेर देता है। 

रमन इफेक्ट से दुनिया को क्या फायदा हुआ

सरल हिंदी और शार्ट में कहें तो यदि रमन इफेक्ट का पता नहीं चलता तो अपन मंगल पर नहीं पहुंच पाते और शायद सेटेलाइट भी लॉन्च नहीं कर पाते। ना तो टीवी होते और ना ही मोबाइल फोन। अब पढ़िए काम की बात- प्रोफेसर रमन की खोज के बाद ही 2000 रासायनिक यौगिकों की आंतरिक संरचना (internal structure of chemical compounds) का निर्धारण किया जा सका और रमन इफेक्ट के कारण क्रिस्टल के इंटरनल स्ट्रक्चर का पता लगा। रमन इफेक्ट के कारण ही दुनिया के वैज्ञानिकों को पता चला कि, 

रमन इफेक्ट के कारण दुनिया में कितनी खोज हुई

  • तरंग लम्बाइयों का यह परिवर्तन उनकी ऊर्जा में परिवर्तन के कारण होता है। ऊर्जा में बढ़ोतरी हो जाने से तरंग की लंबाई कम हो जाती है और ऊर्जा में कमी आने से तरंग की लम्बाई बढ़ जाती है।
  • जब हम लाल रंग के प्रकाश से बैंगनी की ओर और उससे भी आगे पराबैंगनी की ओर बढ़ते हैं, तो ऊर्जा बढ़ती है और तरंग लम्बाई छोटी होती जाती है। यह ऊर्जा सदैव निश्चित मात्रा में ही घटती-बढ़ती है तथा इसके कारण हुआ तरंग-लम्बाई का परिवर्तन सदैव निश्चित मात्रा में होता है।
  • अत: हम कह सकते हैं कि प्रकाश ऊर्जा-कणिकाओं का बना हुआ है। प्रकाश दो तरह के लक्षण दिखाता है। कुछ लक्षणों से वह तरंगों से बना जान पड़ता है और कुछ से ऊर्जा कणिकाओं से।
  • `रमण प्रभाव’ ने उसकी ऊर्जा के भीतर परमाणुओं की योजना समझने में भी सहायता की है, जिनमें से एक रंगी प्रकाश को गुज़ार कर रमण स्पेक्ट्रम प्राप्त किया जाता है।
  • हर एक रासायनिक द्रव का रमण स्पेक्ट्रम उसका विशिष्ट होता है। किसी दूसरे पदार्थ का वैसा नहीं होता। हम किसी पदार्थ के रमण स्पेक्ट्रम पदार्थों को देख कर उसे पहचान सकते हैं। इस तरह रमण स्पेक्ट्रम पदार्थों को पहचानने और उनकी अन्तरंग परमाणु योजना का ज्ञान प्राप्त करने का महत्वपूर्ण साधन भी है।
  • यह प्रभाव वैज्ञानिकों के लिए काफी महत्वपूर्ण खोज है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दिन देश के विभिन्न इलाकों में विज्ञान के गतिविधियों कों बढ़ावा देने वाले कार्यकमो का आयोजन किया जाता है। 
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