संसद में उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2018 पारित | consumer protection act 2018

नई दिल्ली। लोकसभा में भारी हंगामे के बीच गुरुवार को उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2018 पास हो गया है। वहीं राफेल विमान सौदे सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक गुरुवार को शुरू होने के करीब दस मिनट बाद ही पूरे दिन के लिए स्थगित हो गई।

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2018 पर चर्चा के दौरान कहा कि नियम बनाने के लिए सदन के सभी सदस्यों के सुझावों का स्वागत है। यह विधेयक उपभोक्ताओं के हित के संरक्षण तथा उनसे जुड़े विवादों का समय से प्रभावी निपटारा करेगा। विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए रामविलास पासवान ने कहा कि विधेयक में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिससे देश के संघीय ढांचे को नुकसान हो।

उन्होंने कहा कि राज्यों के अधिकारों का पूरा खयाल रखा गया है और उसमें किसी तरह का दखल नहीं होगा। पासवान ने कहा कि यह कानून 1986 में बना था, तब से स्थिति में इतना बदलाव आ गया लेकिन कानून पुराना ही था इसलिए नया विधेयक लाने का निर्णय लिया गया।

उन्होंने विधेयक को 'निर्विवाद' बताते हुए कहा कि यह देश के सवा सौ करोड़ उपभोक्ताओं के हित में है। इसमें केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) बनाने का प्रावधान है।

पासवान ने कहा कि पहले उपभोक्ता को वहां जाकर शिकायत करनी होती थी जहां से उसने सामान खरीदा है, लेकिन अब घर से ही शिकायत की जा सकती है। इसके अलावा विधेयक में मध्यस्थता का भी प्रावधान है।

उन्होंने कहा कि नए विधेयक में प्रावधान है कि अगर जिला और राज्य उपभोक्ता फोरम उपभोक्ता के हित में फैसला सुनाते हैं तो आरोपी कंपनी राष्ट्रीय फोरम में नहीं जा सकती।

पासवान ने कहा कि पहले उपभोक्ता को वहां जाकर शिकायत करनी होती थी जहां से उसने सामान खरीदा है, लेकिन अब घर से ही शिकायत की जा सकती है। इसके अलावा विधेयक में मध्यस्थता का भी प्रावधान है।

उन्होंने कहा कि नए विधेयक में प्रावधान है कि अगर जिला और राज्य उपभोक्ता फोरम उपभोक्ता के हित में फैसला सुनाते हैं तो आरोपी कंपनी राष्ट्रीय फोरम में नहीं जा सकती।

पासवान ने कहा कि स्थाई समिति ने भ्रामक विज्ञापनों में दिखने वाले सेलिब्रिटियों को जेल की सजा की सिफारिश की थी लेकिन इसमें केवल जुर्माने का प्रावधान किया गया है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने सभी पक्षों के सुझावों को स्वीकार किया है और आगे भी स्वीकार करेंगे।

विधेयक पर चर्चा की शुरूआत करते हुए तृणमूल कांग्रेस की प्रतिमा मंडल ने कहा कि विधेयक में केंद्र सरकार को राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार देता है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि अर्द्ध-न्यायिक इकाई होने के नाते इसमें न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी या नहीं।

इस दौरान कांग्रेस के सदस्य राफेल मामले में जेपीसी के गठन की मांग करते हुए आसन के समीप आ गए और नारेबाजी करने लगे। इस दौरान तेलुगू देशम पार्टी के एम श्रीनिवास राव भी आसन के पास शांत खड़े रहे। उनके हाथ में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग वाला पोस्टर था।

हंगामे के बीच ही बीजद के तथागत सत्पति ने कहा कि जिला और राज्य उपभोक्ता फोरम में नियुक्ति का अधिकार राज्यों को दिया जाना चाहिए। केंद्र को संघीय ढांचे में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

चर्चा में भाजपा के प्रहलाद पटेल, शिवसेना के राहुल शेवाले, राकांपा के मधुकर कुकड़े, आईयूएमएल के ई टी मोहम्मद बशीर, जदयू के कौशलेंद्र कुमार, राजद के जयप्रकाश नारायण यादव और आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने भाग लिया।

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