कलेक्टर ने बंद करवाए थे स्ट्रांग रूम के कैमरे: कांग्रेस का आरोप | MP NEWS

भोपाल। कांग्रेस ने भोपाल कलेक्टर सुदाम खाड़े पर आरोप लगाया है कि उन्होंने खुद स्ट्रांग रूम के कैमरे बंद करवाए थे और यह डेढ़ घंटे तक बंद रहे। इस दौरान अंदर क्या हुआ, किसी को नहीं पता। कांग्रेस ने कलेक्टर सुदाम खाड़े के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने आज यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के माध्यम से चुनाव आयोग से मांग की है कि भोपाल के अरेरा हिल्स पर पुरानी जेल परिसर स्थित स्ट्रांग रूम में डेढ़ घंटे तक सीसीटीवी कैमरों का आपरेशन बंद रखने के लिए दोषी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर उन पर कार्यवाही की जाये। यह भी स्पष्ट करें कि सीसीटीवी कैमरे बंद रहने के दौरान स्ट्राॅंग रूम परिसर के आसपास क्या हुआ? 

भोपाल के जिलाधीश महोदय ने यह बताया है कि बिजली चले जाने के कारण सीसीटीवी कैमरे बंद हो गये थे, जबकि जिस व्यक्ति गोवर्धन मिश्रा के पास इलेक्ट्रिकल सिस्टम के संधारण का ठेका है, उस व्यक्ति ने कैमरे पर यह स्वीकार किया है कि स्वयं कलेक्टर महोदय ने एसडीएम की उपस्थिति में सीसीटीवी कैमरे बंद करने के निर्देश दिये थे। जिलाधीश एवं गोर्वधन मिश्रा के बयानों के इस विरोधाभास ने प्रशासन के प्रति आशंका का वातावरण निर्मित किया है। क्योंकि चुनाव आयोग के स्पष्ट निर्देश हैं कि प्रत्येक स्ट्राॅंग रूम परिसर में इलेक्ट्रानिक इन्वरटर लगाये जाना चाहिए, जो संभवतः योजनाबद्ध तरीके से नहीं लगाये गये। 

सीसीटीवी कैमरे लगवाने के पीछे आयोग का उद्देश्य यही था कि स्ट्रांग रूम परिसर में अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति प्रवेश करता है या गतिविधियां करता हैं तो वे कैमरे पर रिकार्ड के रूप में दर्ज हो सके, किंतु दुर्भाग्यजनक यह है कि डेढ़ घंटे तक कौन व्यक्ति आया-गया या क्या गतिविधियां इस दौरान हुईं, इसका कोई रिकार्ड आयोग के पास उपलब्ध नहीं है। जैसा कि सभी समाचार पत्रों के माध्यम से सभी जानते हैं कि निर्वाचन आयोग के निर्देशों के विपरीत छत्तीसगढ़ के धमतरी में तहसीलदार एवं पटवारी ऐसी अवांछित गतिविधि में लिप्त पाये गये, जिन्हें सीसीटीवी के रिकार्ड के आधार पर ही पकड़ा गया। बाद में उन्हें निलंबित भी किया गया। 

इसी तरह अगर उन डेढ़ घंटों में भोपाल जिलाधीश के आदेश से कैमरे बंद किये गये हैं और कोई अवांछित गतिविधि हुई हैं तो उसकी जिम्मेदारी कौन और कैसे तय की जायेगी? उल्लेखनीय है कि जिला निर्वाचन अधिकारी पूर्व में सीहोर कलेक्टर रह चुके हैं और वर्तमान में भोपाल के कलेक्टर हैं जो सत्ताधारी दल के मुखिया से अच्छे संबंध हैं। 

कांग्रेस मांग करती है कि मतगणना के दौरान ईवीएम से छेड़छाड़ की अनावश्यक चर्चाऐं न हों और शांतिपूर्ण कानून-व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए यह जरूरी है कि स्ट्रांग रूम परिसर में सीसीटीवी कैमरे मतगणना पूर्ण होने तक चालू रहें तथा विद्युत आपूर्ति वाधित न हो इसके लिए विशेष इलेक्ट्रानिक इन्वरटर वहां पर रखे जायें, जिसकी जबावदारी सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और आयोग द्वारा अधिकृत ठेकदारों को निर्देश दिये जायें। भोपाल सहित अन्य कहीं यह चूक पायी जाती है तो तत्काल संबंधितों के विरूद्व कार्यवाही की जाये। निष्पक्ष मतगणना के लिये यह आवश्यक है। 

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