खबर का असर: अजय सिंह ने सिंधिया को नेता माना

भोपाल। जब दिग्विजय सिंह के समन्वय पर उंगली उठी तो अजय सिंह को भी अपनी जिद छोड़नी पड़ी। अब अजय सिंह की न्याय यात्रा के वाहन पर ज्योतिरादित्य सिंधिया, दीपक बावरिया और दिग्विजय सिंह के फोटो भी लगा दिए गए हैं। इससे पहले न्याय यात्रा के वाहन पर कमलनाथ मप्र के सबसे बड़े नेता दिखाई दे रहे थे और दूसरे नंबर पर अजय सिंह ने खुद का फोटो लगा रखा था। मजेदार तो यह है कि तीसरे और चौथे नंबर पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और अरुण यादव को मप्र का सबसे दिग्गज नेता बताया गया था। जबकि दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेताओं के फोटो गायब थे। भोपाल समाचार ने इस ओर ध्यान ध्यान खींचा (यहां पढ़ें) और अंतत: अजय सिंह को बदलाव करना पड़ा। 

सिंधिया से है खानदारी रार


नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे हैं। अर्जुन सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया के बीच हमेशा रार ठनी रही। अर्जुन सिंह से जब-जब बन पड़ा उन्होंने माधवराव सिंधिया का नुक्सान किया। यहां तक कि राजीव गांधी के चाहने के बावजूद अर्जुन सिंह ने माधवराव सिंधिया को कभी मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया। ​अजय सिंह भी अपने पिता की परंपरा निभा रहे हैं। पिछले दिनों राहुल गांधी के चाहने के बावजूद अजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम कैंडिडेट बनाए जाने का विरोध किया। बताने की आवश्यकता नहीं कि दिग्विजय सिंह भी अर्जुन सिंह के ही शर्गिद हैं और अजय सिंह के संरक्षक। 

बावरिया से भी नहीं पटती

प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया से शुरूआत में तो अजय सिंह की काफी नजदीकी रही लेकिन जल्द ही वो दूर हो गईं। अजय सिंह, दीपक बावरिया की नीतियों और विचार से कतई सहमत नहीं हैं। एक बार तो वो बावरिया के एक फैसले पर सार्वजनिक आपत्ति भी दर्ज करा चुके हैं। इन दिनों दीपक बावरिया मप्र की राजनीति में फ्रीज कर दिए गए हैं। अब वो बस नाम के ही प्रभारी रह गए हैं। 

सीएम बनना चाहते हैं अजय सिंह! 

दरअसल, अजय सिंह 2018 में मप्र का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। इसके लिए वो लम्बे समय से फील्डिंग कर रहे थे। उनकी तैयारियां तब शुरू हो गईं थी जब कमलनाथ का नाम चर्चा में नहीं आया था। दिग्विजय सिंह की सरपरस्ती के चलते उनके समर्थक अब भी आश्वस्त हैं कि चुनाव के बाद जब विधायक दल के नेता का चुनाव होगा कि अजय सिंह के नाम पर ही मुहर लगेगी और दिग्विजय सिंह की रणनीति​ के चलते कमलनाथ भी आपत्ति नहीं उठा पाएंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया को वो इस सीट के लिए अपना प्रतिद्वंदी मानते हैं। यही कारण है कि उनकी सभाओं, विज्ञापनों यहां तक कि पार्टी प्रायोजित न्याय यात्रा के वाहन तक पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का जिक्र नहीं था। 
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