बड़ी खबर: शिवराज, रमन सिंह और वसुंधरा ही होंगे भाजपा के चुनावी चेहरे

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने आगामी तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में अपने मुख्यमंत्रियों पर विश्वास जताने और उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं ने इस बात की जानकारी दी है। इस फैसले से उन लोगों को निराशा हो सकती है जो राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन चाहते थे, छत्तीसगढ़ में चाहते थे कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की जाए और मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहे थे। बता दें कि पिछले दिनों भोपाल में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि मप्र में इस बार पार्टी चुनाव लड़ेगी। माना जा रहा था कि उन्होंने शिवराज सिंह को चुनावी चेहरा घोषित करने से इंकार कर दिया है। 

तीनों के कद का कोई दूसरा नेता ही नहीं है

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, "किसी भी बदलाव पर कोई विचार नहीं कया जा रहा है। वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान और रमन सिंह मौजूदा मुख्यमंत्री हैं और पार्टी उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी।" बीजेपी के एक दूसरे नेता ने भी अपनी पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि अपने राज्यों में राजे, चौहान और सिंह पार्टी के लोकप्रिय चेहरे हैं और अगर पार्टी कोई बदलाव करना के बारे में सोचे भी तो उनके कद के कोई दूसरे नेता मौजूद नहीं हैं। 

चुनाव से पहले नेतृत्व बदलने का जोखिम नहीं उठाना

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी एक पत्रिका 'ऑर्गनाइजर' के संपादक प्रफुल केतकर ने कहा, "अगर बीजेपी ने उनके साथ खड़े रहने का फैसला किया है, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने राज्य में अपने सबसे कद्दावर और प्रमाणित नेताओं को उपयोग करने का फैसला किया है। पार्टी चुनाव से पहले नेतृत्व बदलने का जोखिम नहीं उठा सकती थी। 

वसुंधरा राजे: अमित शाह खुद संभालेंगे चुनाव की कमान

राजस्थान में फरवरी में हुए उपचुनाव में अजमेर और अलवर संसदीय सीटों और मंडलगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस से मिली हार के बाद बीजेपी में वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग उठने लगी। राजे तो बच गईं लेकिन उनके वफादार अशोक परनामी को राजस्थान भाजपा प्रमुख के पद में हटा दिया गया। राजे और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह में मतभेद की वजह से राजस्थान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए किसी नाम पर फैसला नहीं हो सका है लेकिन पार्टी के पदाधिकारी के मुताबिक शाह राज्य में चुनाव अभियान की कमान अपने हाथों में रखेंगे। शाह की टीम ने उनके लिए जयपुर में घर देखने भी शुरू कर दिया है, जहां से वे चुनाव अभियान को निर्देश दे सकेंगे, जैसा उन्होंने बंगलूरू के एक घर में रहकर कर्नाटक चुनाव में किया था। 

शिवराज सिंह चौहान को हटाना आसान नहीं है

मध्यप्रदेश में कोलारस और मुंगावली विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपे के नाकाम रहने के बाद नई दिल्ली में बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व के सामने खतरे की घंटी बज गई। जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री के करीबी और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष नंद कुमार चौहान को हटाकर जबलपुर के सांसद राकेश सिंह को पद सौंप दिया। बीजेपी नेता ने कहा, "शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के एक ताकतवर ओबीसी नेता हैं, और बीजेपी में निर्णय करने वाले सबसे बड़े निकाय, संसदीय बोर्ड के सदस्य भी हैं। पार्टी उन्हें इस तरह से नहीं हटा सकती।" 

रमन सिंह को बदलना चाहते हैं छग के नेता

छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार के मुखिया हैं। वे बीजेपी के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान रहने वाले नेता हैं। वे दिसंबर 2003 से प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। डॉक्टर रमन सिंह गैर-जनजातीय समुदाय से आने वाले राजनेता है। लेकिन आदिवासी आबादी वाले पड़ोसी राज्य झारखंड में एक गैर-आदिवासी रघुबर दास को मुख्यमंत्री बनाने के बाद छत्तीसगढ़ में पार्टी का एक वर्ग चाहता है कि रमन सिंह की जगह पर कोई आदिवासी मुख्यमंत्री बने।
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