शिवराज सरकार और साधुओं का अपवित्र गठबंधन: घोटाले का खुलासा रोकने मंत्रीपद का सौदा | NATIONAL NEWS

भोपाल। ये ना तो साधु समाज का सम्मान है और ना ही साधुओं की धर्मपरायणता। यह तो सीधी सीधी सौदेबाजी समझ आ रही है। कुछ साधुओं ने शिवराज ​सिंह चौहान पर नर्मदा घोटाला का आरोप लगाया और यात्रा की तैयारियां शुरू कर दीं। सरकार ने आरोप लगाने वाले साधुओं को मंत्री का दर्जा दे दिया और इसी के साथ यात्रा स्थगित, घोटाला बंद। साधुओं का सरकार से इस तरह का अपवित्र गठबंधन भारत के इतिहास में शायद पहली बार हुआ है। आइए हम बताते हैं, शुरू से अब तक क्या हुआ। 

28 मार्च को नर्मदा घोटाला रथयात्रा का ऐलान

संत समाज की बैठक इंदौर के गोम्मटगिरि स्थित मां कालिका आश्रम में 28 मार्च को हुई थी। इसमें तय हुआ था कि 1 अप्रैल से 15 मई तक नर्मदा घोटाला रथ यात्रा निकाली जाए। इस रथयात्रा के नेतृत्व कंप्यूटर बाबा करेंगे, जबकि आयोजक पंडित योगेंद्र महंत होंगे। महंत ने यह एलान किया था कि नर्मदा घोटाले पर हुए महाघोटाले का खुलासा करने के लिए रथ यात्रा निकाली जाएगी। भोपाल सचिवालय में संत धरना देंगे। बता दें कि शिवराज सिंह चौहान ने पिछले साल 2 जुलाई को 6.67 करोड़ पौधे लगाने का दावा किया था। नर्मदा परिक्रमा पर निकले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बता चुके हैं कि उन्हे परिक्रमा पथ पर कोई पौधे नहीं मिले। बाबाओं ने इसी लाइन को आगे बढ़ाया। 

31 मार्च को सीएम हाउस में हुई मीटिंग
जैसे ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इसका पता चला उन्होंने साधु-संतों को सीएम हाउस का न्यौता भेज दिया। 31 मार्च को सीएम हाउस में दोनों पक्षों की मीटिंग हुईं। इस दौरान कंप्यूटर बाबा और योगेंद्र महंत समेत कई संत भोपाल पहुंचे थे। गौरतलब है कि स्वामी हरिहरानंदजी का आश्रम अमरकंटक में है, जबकि नर्मदानंदजी का डिंडोरी में है। समिति सदस्य भय्यू महाराज का आश्रम इंदौर में है।

डील हुई और साधु-संत, मंत्री बन गए
इसके बाद दोनों पक्षों में डील हुई और सीएम शिवराज सिंह ने 5 साधु-संतों को मंत्री पद का दर्जा दे दिया। दस्तावेजों में दर्ज करने के लिए सरकार ने नर्मदा किनारे के क्षेत्रों में पौधरोपण, जलसंरक्षण, विषयों पर जनजागरुकता का अभियान चलाने के लिए विशेष समिति गठित कर दी। समिति सदस्य नर्मदानंदजी, हरिहरानंदजी, कंप्यूटर बाबा, भय्यू महाराज और पं. योगेंद्र महंत को राज्यमंत्री स्तर का दर्जा दिया गया है।

इससे साधु-संतों को क्या मिलेगा
7500 रुपए मासिक वेतन मिलेगा।
गाड़ी और 1000 किमी का डीजल। 
15000 रुपए मकान का किराया। 
3000 रु. सत्कार भत्ता।
स्टाफ मिलेगा, अपना पीए रख सकेंगे।
और सबसे बड़ी बात साधु-संत समाज में रुतबा बढ़ेगा। 

दर्जा मिलते ही पलट गए कंप्यूटर बाबा
कंप्यूटर बाबा ने कहा कि हमने अपनी बात रखी थी। अब काम साधु-संतों को सौप दिया है। हम माॅनिटरिंग करेंगे। अब घोटाले की बात का कोई सवाल ही नहीं उठता। हम जनजागरण करेंगे। सुरक्षा करेंगे। हरियाली बनी रहे, उसका ध्यान रख काम करेंगे। हमें राज्यमंत्री इसलिए बनाया ताकि हमें वहां रुकना पड़ेगा। व्यवस्था देना पड़ेगी। हमें काम दिया तो करेंगे।

योगेंद्र महंत भी भूल गए घोटाले का ऐलान
योगेंद्र महंत के मुताबिक, हमारी मांग पर सरकार विचार करेगी। सुधार की गुंजाइश है। सरकार ने कमेटी बनाकर हमें जिम्मेदारी दे दी है। अब हम स्वच्छता, पौधरोपण, संरंक्षण करेंगे। सुझाव देंगे, जिससे नर्मदा का बहाव बढ़े। हम घोटाले की बात नहीं करेंगे। जनजागृति करेंगे। जनजागरण की शपथ जनता को संतों के साथ दिलवाएंगे।

ये कार्यक्रम घोषित किया था साधुओं ने

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !