भारत में सबसे ज्यादा बेनामी संपत्तियां गुजरात, मप्र और छग में | NATIONAL NEWS

राजीव सोनी/भोपाल। देश में बेनामी प्रापर्टी के मामले गुजरात के बाद सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में सामने आ रहे हैं। बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम लागू होने के बाद दोनों राज्यों में 100 करोड़ से अधिक मूल्य की 118 प्रापर्टी अटैच हो चुकी हैं। आयकर विभाग का मानना है कि सबूत इतने पुख्ता हैं कि एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी से जल्दी ही इन्हें राजसात करने की हरी-झंडी मिल जाएगी।

विभाग का दावा है कि 118 संपत्तियां तो वह हैं, जिनके बारे में पुख्ता सबूत मिल चुके हैं। इनके अलावा बेशकीमती संपत्ति के ऐसे और भी कई मामलों की छानबीन चल रही है। दोनों राज्यों में अरबों रुपए मूल्य की बेनामी संपत्तियां खड़ी करने में कई रसूखदारों के नाम सामने आए हैं। विभाग अत्याधुनिक तौर-तरीकों से इन मामलों की छानबीन में जुटा है। जांच में सैटेलाइट से लेकर अन्य अन्य कई साधनों की मदद भी ली जा रही है।

सुर्खियों में रहे ये मामले
दोनों राज्यों में बेनामी संपत्ति के मामलों में भाजपा नेता सुशील वासवानी, वरिष्ठ आईएएस अफसर अरविंद जोशी, सतना में सुंदर कौल और राजधानी के कालापानी गांव के धीरू गौड़ का मामला सर्वाधिक सुर्खियों में रहा। छग में रायगढ़ जिले के हिंद एनर्जी ग्रुप के अरुण सोनी-नितिन अग्रवाल की 58 बेनामी संपत्तियां भी शामिल हैं। इनकी 85 एकड़ जमीन की कीमत ही 50 करोड़ रुपए से अधिक आंकी गई है।

एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी में सुनवाई
दिल्ली स्थित एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी में इन सभी बेनामी प्रापर्टी को राजसात करने की कार्रवाई अब अंतिम दौर में है। कुछ मामलों में सुनवाई पूरी भी हो चुकी है। राजसात करने के बाद विभाग इन सभी संपत्तियों को नीलाम करने की कार्रवाई करेगा। बताया जाता है कि विभाग ने पहली बार सैटेलाइट की मदद से भी कई बेनामी संपत्तियों को चिन्हित किया है। इन संपत्तियों में दोनों राज्यों के रसूखदारों ने अपनी करोड़ों रुपए की काली कमाई का निवेश किया है।

जेल भेजने की तैयारी
मप्र-छग में विभाग के मुखिया एवं प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त पीके दाश का कहना है कि बेनामी संपत्ति को लेकर अब तक जो मामले सामने आए हैं, उनमें मप्र का नंबर दूसरा है। उन्होंने बताया कि दोनों राज्यों में अब टैक्स चोरों को जेल भेजने की तैयारी भी चल रही है।

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