पढ़िए आपकी भाग्यशाली दिशा कौन सी है | ASTRO

व्यक्ति के जीवन मॆ कर्म और भाग्य जीवन के दो पहलू है, जो एक दूसरे से जुड़े हुए है, यदि दिशा हीन कर्म हो तो जातक का जीवन परेशानीयों से युक्त हो सकता है,इसके अलावा हमे हमारे भाग्योदय किस क्षेत्र किस दिशा मॆ होगा इसकी जानकारी मिल जाय तो जीवन काफी आसान हो जाता है आइये देखते है सभी राशियों के लिये किस कार्य तथा दिशा मॆ भाग्योदय होगा।
मेष*-इस राशि का भाग्योदय अपने जन्मस्थान से उत्तर दिशा मॆ होता है, भाग्यस्थान मॆ गुरु की राशि होने के कारण धर्मस्थल के पास भाग्योदय के विशेष योग बनते है, वित्त, सलाहकारीता, शिक्षा आदि के कार्यों मॆ विशेष सफलता के योग बनते है।
भाग्यरत्न*-पुखराज।

वृषभ*-इस राशि का भाग्योदय पश्चिम दिशा में होता है, भाग्य स्थान में शनि की राशि होने के कारण लोहा, मशीनरी, भवन निर्माण, कारखाना, केमिकल, दवा तथा विदेश जाने पर भाग्योदय होता है।
भाग्यरत्न*-नीलम।

मिथुन*-इस राशि का भाग्योदय अपने जन्मस्थान से दक्षिणपश्चिम दिशा मॆ होता है, शनि ग्रह भाग्य का स्वामी होने से प्रशासन ट्रांसपोर्ट, वित्तविभाग, प्रॉपर्टी सम्बंधी खरीद बेच तथा कमीशन वाले सभी कार्यों मॆ होता है।
भाग्यरत्न*-नीलम।

कर्क*-इस राशि का भाग्योदय अपने जन्मस्थान से उत्तरदिशा मॆ जलीय क्षेत्र मॆ होता है,ऐसे लोग शासकीय सेवा,धर्म,वित्तीय सलाहाकारीता आदि क्षेत्रों मॆ खास सफलता प्राप्त करते है।
भाग्यरत्न*-पुखराज।

सिंह*-इनका भाग्योदय जन्मस्थान से दक्षिणदिशा मॆ पहाडी क्षेत्र मॆ होता है,अग्नि,शस्त्र
सेना,भूमि, पुलिस,तकनीकी कार्यों मॆ खास सफलता के योग बनते है।
भाग्यरत्न*मूंगा।

कन्या*-इस राशि वालो का भाग्योदय अपने जन्मस्थान से आग्नेय दिशा यानी(दक्षिण पूर्व)की दिशा मॆ होता है, इन लोगों को स्त्रीजगत से जुड़े सभी कार्यों मॆ सफलता मिलती है, फैशन, फिल्म, मॉडलिंग, रत्न सोना, चाँदी के कार्यों मॆ खास सफलता प्राप्त होती है।
भाग्यरत्न*-हीरा।

तुला*-इस राशि का भाग्योदय अपने जन्मस्थान से पूर्वदिशा की ओर किसी यातायात मॆ मुख्य केन्द्र मॆ होता है,इस राशि वालों का भाग्योदय संचार,ट्रांसपोर्ट
पर्यटन,यातयात आदि के क्षेत्रों मॆ होता है।
भाग्यरत्न*-पन्ना।

वृश्चिक*-इन लोगो का भाग्योदय अपने जन्मस्थान से ईशान(उत्तरपूर्व)दिशा मॆ जलीय क्षेत्र मॆ होता है, पानी, नदी, समुद्री, कार्य, सिंचाई, जलसेना, दूध, तथा पेय पदार्थ से जुड़े कार्य मॆ इनका भाग्योदय होता है।
भाग्यरत्न*-मोती।

धनु* इस राशि का भाग्योदय अपने जन्मस्थान से पूर्वदिशा की ओर राज्य और पितापक्ष से जुड़े कार्य से होता है, इन लोगों को शासकीय कार्य, प्रकाशन, शिक्षा प्रबंधन आदि मॆ विशेष सफलता प्राप्त होती है, इन लोगों को शासकीय क्षेत्र मॆ विशेष प्रयास करने चाहिये।
भाग्यरत्न*-माणिक।

मकर*-इस राशि का भाग्योदय अपने जन्म स्थान से पूर्वोत्तर दिशा की ओर विदेश मॆ होता है,इन लोगो के भाग्य से इनके मामा या मौसी का क्षेत्र अक्सर सम्बंधित होता है,वित्त, चिकित्सा, भवन निर्माण, पेट्रोल,सीमेंट, ट्रांसपोर्ट से जुड़े कार्यों मॆ इनको खास सफलता प्राप्त होती है।
भाग्यरत्न*-पन्ना।

कुम्भ*-इस राशि वालो का भाग्योदय अपने जन्म स्थान से पश्चिम दिशा मॆ विदेश मॆ होता है,इन्हे स्त्रीजगत से जुड़े समस्त कार्य सोना चांदी,फैशन,मॉडलिंग 
पहनावा,होटेल रिसॉर्ट आदि के कार्यों मॆ खास सफलता मिलती है।
भाग्य रत्न* -हीरा।

मीन*-इस राशि का भाग्योदय अपने जन्म स्थान से दक्षिण दिशा मॆ होता है,इस राशि के लोगो को सेना,पुलिस,अग्नि,शस्त्र से जुड़े कार्यों मॆ खास सफलता मिलती है,जलसेना मॆ ऐसे लोगो का भाग्योदय होता है।
भाग्यरत्न*-मूंगा।

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