शिवरात्रि 2018: कार्यसिद्धि के लिए चमत्कारी संयोग बना | MAHA SHIVRATRI

उज्जैन। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर 13 फरवरी को MAHA SHIVRATRI रहेगी। ज्योतिषि के अनुसार भौम प्रदोष पर सिद्धियोग के विशिष्ट संयोग में आने वाली महाशिवरात्रि पर महाकाल के साथ मंगलनाथ व अंगारेश्वर का पूजन विशेष फलदायी माना गया है। ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि मंगलवार के दिन उत्ताराषाढ़ा नक्षत्र में सिद्धि योग तथा गरकरण के साथ आ रही है। त्रयोदशी के दिन मंगलवार होने से भौम प्रदोष का संयोग भी बन रहा है। पौराणिक मान्यता के अनुसार देखें तो प्रदोष काल में महाशिवरात्रि जैसे पर्व का संयोग बनता है तो वह शुभ फलदायी माना गया है।

शिव महापुराण में सप्ताह के सात दिन में शिव की अलग-अलग साधना का विधान है। 27 नक्षत्रों में भी शिव की साधना नक्षत्र के अधिपति के साथ की जाती है। महाशिवरात्रि पर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र है। इस नक्षत्र के स्वामी स्वयं शिव हैं। इस नक्षत्र को कार्यसिद्धि के लिए विशेष माना गया है। इसलिए महाशिवरात्रि पर प्रदोष काल से निषिथ काल (मध्यरात्रि के बाद तक) में भगवान शिव की अलग-अलग कामना से पूजा आराधना करने का विशिष्ट फल मिलेगा।

44 घंटे खुले रहेंगे महाकाल के पट
महाशिवरात्रि पर विश्व प्रसिद्घ ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के पट सतत 44 घंटे खले रहेंगे। भक्त महाकाल के दर्शन व आराधना कर सकते हैं। अन्य शिव मंदिरों में भगवान की शास्त्रोक्त पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।

मंगलनाथ व अंगारेश्वर की आराधना विशेष
भौम प्रदोष पर भगवान मंगलनाथ व अंगारेश्वर की आराधना का विशेष महत्व है। महाशिवरात्रि के साथ भौम प्रदोष के संयोग ने इसके महत्व को और भी बढ़ा दिया है। इन मंदिरों में भी भक्त मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए पूजन कर सकते हैं।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!