
पत्रकार निश्चय बोनिया की रिपोर्ट के अनुसर मूल्यांकनकर्ता के स्तर पर गलती से भी छात्र को किसी सवाल पर गलत या कम मार्किंग नहीं की जा सकेगी। यदि मूल्यांकनकर्ता छात्र द्वारा लिखे किसी सवाल को गलत चैक करता है तो कंप्यूटर खुद ही बता देगा कि आंसर गलत चैक किया गया है। अभी केवल ओएमआर शीट पर ही बार कोड लगाया जाता है। लेकिन नई व्यवस्था के तहत कॉपी के हर पेज पर बार कोड लगाया जाएगा, ताकि प्रश्नों का मूल्यांकन किसी एक वैल्यूअर से कराने के बजाए दो से कराया जा सके। वैल्यूअर को छात्र की स्कैन की हुई कॉपी उसके अकाउंट पर भेजी जाएगी। सॉफ्टवेयर में अलग से अंक दर्ज करने और कमेंट लिखने की व्यवस्था रहेगी।
आधा हो जाएगा कॉपियां जांचने में लगने वाला समय
व्यवस्था में बदलाव से ये होगा फायदा कि मूल्यांकन के दौरान कोई भी प्रश्न जांचने से नहीं छूटेगा। किसी भी प्रश्न के सही उत्तर पर कम अंक नहीं दे सकेंगे जांचने वाले। माॅडल आंसर और हल होने के कारण कंप्यूटर खुद ही बता देगा कि कितने नंबर मिलने चाहिए। मूल्यांकन समय पर हो सकेगा। प्रक्रिया पारदर्शी होगी और रिजल्ट भी समय पर आएगा।
मूल्यांकन में गड़बड़ी की संभावना खत्म होगी
किस छात्र की कॉपी किसके पास चैक होने के लिए जा रही है, इसकी जानकारी किसी को नहीं होगी। इससे मूल्यांकन में गड़बड़ी की संभावना खत्म हो जाएगी। विवि को यह भी पता लगता रहेगा कि जिसके पास कॉपियां गई है उसने चैक करने के लिए कितना समय लिया। जितनी बार वैल्यूअर कॉपी चैक करने के लिए लॉग इन करेगा, उसका रिकाॅर्ड तैयार होता रहेगा।
ऑनलाइन परीक्षा के समन्वयक डॉ. मोहन सेन के अनुसार अभी मूल्यांकन में जितना समय लगता है ई-वैल्यूएशन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद इसमें पचास फीसदी समय कम लगेगा और छात्र को रिजल्ट समय पर मिलने लगेगा। डॉ. सेन के अनुसार सभी कॉलेजों में जब ऑनलाइन परीक्षा की सुविधा हो जाएगी तो कॉपियों को स्कैन करना बंद कर सीधे स्क्रीन पर ही आंसर लिखने की व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। विवि ने ई-वैल्यूएशन के लिए टेंडर जारी कर दिया है।
ई-वैल्यूएशन के लिए ये होंगे फीचर्स
जांची हुई आंसर कॉियों का आॅटोमैटिक बैकअप तैयार हो जाएगा।
यूजर का अलग से अकाउंट होगा।
आंसर बुक के मैनेजमेंट के लिए अलग से मैपिंग की जाएगी।
चैक बॉक्स रहेगा ताकि मूल्यांकनकर्ता से भी कोई प्रश्न छूट न जाए।
हैड एग्जामिनर के लिए आंसर को रिव्यू करने का भी प्रावधान होगा।
10 फीसदी आंसर कॉपी का मूल्यांकन हैड एग्जामिनर को करना जरूरी होगा।
ऐसी व्यवस्था भी रहेगी जिससे मूल्यांकनकर्ता वैल्यूएशन का गलत उपयोग न कर सके।