
सरकार की तरफ से यह बदलाव पीपीएफ योजना, 1968 के तहत किया गया है. सरकार की तरफ से इस संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार पीपीएफ में खाता खोलने वाला कोई व्यक्ति यदि मैच्योरिटी अवधि से पहले किसी दूसरी देश की नागरिकता ग्रहण (एनआरआई) कर लेता है, तो उसका अकाउंट तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा. इसके अनुसार खाताधारक को खाता बंद होने की तारीख तक का ब्याज मिलेगा.
नए नियमों के तहत किसी व्यक्ति को एनआरआई का दर्जा मिलते ही उसके एनएससी का भुगतान हो जाएगा. इसके तहत ऐसा भी माना जाएगा कि भुगतान हो चुका है. इस पर ब्याज उसी तारीख तक मिलेगा.
सरकार के नए नियमों के अनुसार एनआरआई को पीपीएफ, एनएससी और डाकघर की तरफ से चलाई जाने वाली मासिक और दीर्घ अवधि वाली बचत योजनाओं में निवेश करने का अधिकार नहीं है. जानकारों का यह भी कहना है कि यह साफ नहीं है कि एनआरआई को इस तरह की योजनाओं से बाहर क्यों रखा गया है.