
ज्ञात हो कि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को मुंगावली महाविद्यालय में पहुंचकर छात्रों से सीधा संवाद किया था। मंच पर सिंधिया के साथ कॉलेज के प्राचार्य भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में सिंधिया ने अपनी सांसद निधि से मुंगावली महाविद्यालय के छात्रों की मांग पर तीन लाख रूपए की राशि फर्नीचर व अन्य कार्याें के लिए देने की घोषणा की थी। इस कार्यक्रम में सिंधिया ने सरकार पर व्यापमं के बहाने सवाल भी उठाए थे। कार्यक्रम के 24 घंटे के भीतर उच्च शिक्षा विभाग ने प्राचार्य का निलंबन आदेश जारी कर दिया।
उपसचिव ने निलंबन आदेश में लिखा
मुंगावली के गणेश शंकर विद्यार्थी कॉलेज में प्राचार्य ने राजनीतिक दल के चुनाव चिन्ह् वाले बैनर लगवाए।
कार्यक्रम में राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं का जमावड़ा किया गया।
महाविद्यालय के विद्यार्थियों को पैसों का प्रलोभन देकर किसी राजनीतिक दल को वोट देने की सिफारिश की।
दलगत राजनीति में लिप्त होकर कार्य करने और शैक्षणिक वातावरण के खिलाफ गतिविधियां संचालित कराई गई।
मुझे तो बेवजह बलि का बकरा बनाया
मुझे बेवजह बली का बकरा बनाया गया है। एक तरफ कहा जाता है कि जनप्रतिनिधियों को शैक्षणिक संस्थानों में क्यों नहीं बुलाया जाता, जब बुलाते हैं तो कार्रवाई की जाती है। सांसद तो प्रोटोकाल की श्रेणी में आते हैं। सांसद ने कॉलेज के लिए तीन लाख रूपए की निधि मंजूर की है। मैंने कार्यक्रम में ऐसा कुछ नहीं कहा जो गलत हो। इस तरह एकतरफा कार्रवाई करना न तो उचित है और न ही न्यायसंगत। मेरे पास मुंगावली के अलावा चंदेरी महाविद्यालय का भी प्रभार है। पूरी ईमानदारी से कार्य कर रहा था, उसके बाद भी इस तरह की कार्रवाई विचलित करती है। मेरे खिलाफ नियम विरूद्ध तरीके से निलंबन की कार्रवाई की गई है।
बीएल अहिरवार, प्राचार्य,
गणेश शंकर विद्यार्थी कॉलेज, मुंगावली