
रात 9 बजे तक 24 लोगों के मरने की पुष्टि की गई थी तथा 5 मजदूरों को गंभीर अवस्था में नागपुर रेफर किया गया उसमें से एक ने रास्ते में ही दम तोड दिया। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार वाहिद पिता समीर अहमद भटेरा निवासी को ग्राम पंचायत खैरी में फटाका फैक्टी संचालन के लिये लाईसेंस दिया गया था जिसमें उसे 50 किलोग्राम विस्फोट रखने की अनुमति थी लेकिन सूत्र बताते हैं कि वहां 1 कमरा भरकर बारूद जमा किया गया था।
इस हादसे में जीवित बची जयमाला ठाकरे ने बताया की फैक्टी 2 कमरों में चलाई जा रही थी जिसके एक कमरे में बारूद रखा जाता था और दूसरे कमरे में मजदूर काम करते थे घटना के समय मजदूर खाना खाकर आराम कर रहे थे इसी बीच धमाका हुआ वह बदहवास हालत में बाहर भाग कर आई जिसके कारण वह बच गई इसके बाद जो कुछ उसने देखा उसको बता नही पाई। यह फैक्टी पिछले 4 वर्षो से चलाई जा रही थी सितम्बर 2016 में इसके लाईसेंस का नवीनीकरण किया गया फैक्टी विस्फोटक निर्माण के दौरान सुरक्षा के जो साधन रखे जाने चाहिये थे वहां कुछ नही थे।
फैक्टी में पहुंच मार्ग ना होने से बचाव कार्य के लिये पहुंची दमकले तथा अन्य वाहन को घटना स्थल तक पहुचने में अवरोध का सामना करना पड रहा है मार्ग के किनारे रेत के डम्प के कारण पहुचने में कठनाई उठानी पड रही थी। विस्फोटक की आवाज इतनी भयावह थी जिसे सुनकर लोग मौके के तरफ दौडे धमाके की आवाज 5 किलोमीटर के दायरे तक सुनाई दी।
इस हादसे की दण्डाधिकारी जांच के आदेश कलेक्टर श्री भरत यादव ने दिये है जिसकी जांच एडीएम शिवगोविंद प्रसाद मरकाम करेगें उन्हे 1 माह के अंदर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिये कहा गया है। अभी तक किसी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है, ना ही पुलिस फरार पटाखा फैक्टी संचालक को गिरफ्तार कर सकी है।