
इसके बाद बची विकास राशि में भी महज 20 प्रतिशत रकम लोगों को जमा करनी होगी। यदि सांसद या विधायक निधि मिल जाती है तो यह राशि और कम हो जाएगी। सरकार ने नियमितीकरण के लिए तीन महीने की मियाद भी तय की है।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मप्र नगरपालिक (कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रेशन) नियम 1998 में संशोधन कर यह रास्ता निकाला है। इसमें कॉलोनाइजर्स को नई कॉलोनी बनाने के लिए भी ढाई लाख रुपए तक का अनुमति शुल्क और 50 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन शुल्क लेने का भी प्रावधान रखा गया है, वहीं कॉलोनी के ओपन स्पेस की दुगनी रकम लोगों की बजाय बिल्डर को जमा करनी होगी।