
गुरूवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस की कैबिनेट ने इस प्रस्ताव मंजूरी दी और दूसरे दिन शुक्रवार को विधानसभा में इस विधेयक को पारित किया गया। अब इस विधेयक को लागु करने के लिए विधान परिषद में मंजूरी मिलने का इंतजार है। महाराष्ट्र सरकार ने पिछले वर्ष इसका मसौदा तैयार किया था। जिसे पत्रकार संगठनों के पास सुझाव और आपत्तियों के लिए भेजा गया था। सरकार ने सुझावों और आपत्तियों के बाद अंतिम मसौदा तैयार किया।
इस विधेयक के अनुसार पत्रकारों पर हमला करना गैर जमानती अपराध बन जाएगा और हमलावर को जुमार्ना भरने के साथ पीड़ित पत्रकार का चिकित्सकीय खर्च भी उठाना होगा। किसी मीडिया घराने पर हमला करने की स्थिति में संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई हमलावर से की जाएगी। इस कानून का पत्रकारों द्वारा दुरूपयोग करने पर उन्हें भी दंडित किये जाने का प्रावधान है।