नई दिल्ली। आईएएस अफसरों पर सबसे ज्यादा पॉलिटिकल प्रेशर होता है। यदि वो ईमानदारी से काम करना भी चाहें तो उन्हे करने नहीं दिया जाता परंतु अब पब्लिक भी ऐसे अधिकारियों के सपोर्ट में सामने आने लगी है। मुंबई महानगरपालिका निगम के कमिश्नर पद से हटाए गए आईएएस तुकाराम मुंडे के सपोर्ट में भी लोग उतर आए हैं। आरोप है कि मुंडे ने भाजपा को चंदा देने वाले बिल्डर्स के अवैध निर्माण जमींदोज कर दिए थे। इसलिए उनका तबादला किया गया।
राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस की नवी मुंबई ईकाई के प्रमुख गजानन काले ने इस अभियान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, हम इस अभियान में शामिल हैं। नवी मुंबई को ऐसे ईमानदार, लोकप्रिय अधिकारियों की आवश्यकता है।” काले ने इसके साथ ही मीडिया को बताया कि, “अब तक हमें 5000 से ज्यादा हस्ताक्षर प्राप्त हो चुके हैं। हमारा लक्ष्य 50 हजार हस्ताक्षर का है। इसके बाद हम इसे मुंडे के समर्थन में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और गवर्नर सी विद्यासागर राव के पास भेजेंगे और उनसा तबादला रद्द करने की मांग करेंगे।
साथ ही कई स्थानीय लोगों ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी से भी दखल देने की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुंडे की सख्ती से परेशान कई बीजेपी पार्षद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना पार्षद उद्धव ठाकरे से मुंडे कि शिकायत कर चुके हैं। काले ने विवाद पर आगे कहा कि मुंडे ने कुछ भी गलत नहीं किया उन्होंने एमआरटीपी एक्ट 1966 का उल्लंघन कर रही निर्माणाधीन इमारतों को गिराया था। यहां तक की कोर्ट ने भी उनके इस कदम की सराहना की थी।
हमने सुना है कि मुंडे जल्द ही 3-4 भ्रष्ट बीजेपी पार्षदों को गैरकानूनी निर्माण के चलते अयोग्य घोषित करने वाले थे। मुझे नहीं पता अब ये जांच आगे बढ़ पाएगी। महाराष्ट्र सरकार ने पिछले हफ्ते ही मुंडे की तबादला किया है। इससे पहले भी मुंडे पुणे के सरकारी सिटी ट्रांसपोर्ट प्रमुख रहते हुए भी विवादों में रहे हैं।