
मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. आरएस शर्मा ने बताया कि यूनिवर्सिटी ऑटोमेशन के तहत यूनिवर्सिटी का ज्यादातर काम ऑनलाइन किया जा रहा है, जिससे छात्रों को उनके कामों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इसी के तहत संस्थान में ही पेपर छपवाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि परीक्षा वाले संस्थान में दो अधिकारियों के पास कंप्यूटर का पासवर्ड रहेगा। दोनों का पासवर्ड मैच होने के बाद पेपर प्रिंट करने के लिए कंप्यूटर पर कमांड दी जाएगी।
रजिस्ट्रेशन से लेकर डिग्री तक, सब कुछ होगा ऑनलाइन
डॉ. शर्मा ने बताया कि छात्रों से जुड़ा ज्यादातर काम ऑनलाइन किया जा रहा है। रजिस्ट्रेशन, परीक्षा फार्म ऑनलाइन भरे जाएंगे। कोर्स पूरा होने के बाद छात्र अपनी डिग्री भी ऑनलाइन डाउनलोड कर सकेंगे। छात्रों की अटेंडेंस हर महीने कॉलेजों से मांगी जा रही है। अभी तक साल में एक बार कॉलेजों से अटेंडेंस भेजी जाती थी। इसी तरह फैकल्टी की अटेंडेंस भी हर महीने यूनिवर्सिटी को भेजना होगी। ई-लाइब्रेरी की सुविधा भी शुरू की जाएगी।
अनुपस्थित रहे तो माता-पिता के पास पहुंचेगा एसएमएस
डॉ. शर्मा ने बताया कि सभी कॉलेजों को अटेंडेंस के लिए बायोमेट्रिक मशीनें लगाने के लिए कहा गया है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लगाने के निर्देश दिए हैं। माता-पिता के मोबाइल नंबर को छात्रों बायोमेट्रिक अटेंडेंस से जोड़ा जाएगा। छात्र क्लास से गायब रहा तो माता-पिता के मोबाइल पर एसएमएस पहुंच जाएगा।