7 जिला पंचायतों के CEO को कारण बताओ नोटिस

भोपाल। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मनरेगा कार्यों की समीक्षा के दौरान अनुपस्थित 7 जिले के जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को शोकॉज नोटिस देने के निर्देश दिये। श्री भार्गव ने कहा कि मनरेगा से संबंधित कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने में अधिकारी रुचि लें, अन्यथा सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने जिला पंचायत, सिंगरौली, टीकमगढ़, रीवा, सीधी, बड़वानी, मुरैना और विदिशा जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के अनुपस्थित रहने पर नाराजगी व्यक्त की।

श्री भार्गव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का क्रियान्वयन प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने को कहा। उन्होंने कहा कि सभी पंचायतों में मोक्ष-धाम, खेल-मैदान, सामुदायिक भवन, खेत-सड़क निर्माण और मजरे-टोले में सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी जाये। श्री भार्गव ने कपिलधारा में ढाई एकड़ तक के छोटे किसानों के खेतों में कुआँ निर्माण के निर्देश दिये। श्री भार्गव ने ग्रामीणों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिये 14वें वित्त आयोग के मनरेगा बजट का शत-प्रतिशत उपयोग करने को कहा। उन्होंने कहा कि मनरेगा के कार्यों के आधार पर अधिकारियों की सी.आर. का निर्धारण किया जायेगा। मंत्री श्री भार्गव ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला रतलाम एवं उनकी टीम को मनरेगा से संबंधित 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण करने के लिये बधाई दी और कहा कि जिले को पुरस्कृत भी किया जायेगा।

अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री राधेश्याम जुलानिया ने कहा कि 12 जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सभी जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के मस्टर-रोल 26 जनवरी तक पूर्ण करने के निर्देश दिये गये थे। समीक्षा बैठक के दौरान यह पाया गया कि अभी तक 10 प्रतिशत ही कार्य पूर्ण किया गया है। यह गंभीर अनियमितता है। उन्होंने सभी जिलों को शीघ्र ही लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिये। कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री विश्वास सारंग एवं विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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