
गायब हो जाते है मरम्मत के लिए गए ट्रांसफार्मर
प्रतिभूति राशि केवल पांच लाख रुपए रखी गई है। इतनी कम गारंटी राशि होने के कारण जो ठेकेदार ट्रांसफार्मर बदलने के लिए ले जाते है कई बार वे ट्रांसफार्मर लौटाते ही नहीं। इसलिए गारंटी राशि बढ़ाई जाना चाहिए। पुराने टेंडर को नौ माह और जारी रखा जा सकता है लेकिन नई कंपनियों को उपकृत करने के लिए मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने नए सिरे से टेंडर जारी कर दिए है।
इस तरह किया गया गड़बड़झाला
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपने टेंडर में खराब ट्रांसफार्मर को सुधारने वाली फर्म तक लाने और ले जाने के लिए पांच सौ किलोमीटर की सीमा तय की है वहीं मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने परिवहन के लिए एक हजार किलोमीटर तक की सीमा तय की है ताकि राजस्थान की कंपनियों को यह काम मिल सके। इसी तरह पश्चित क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने टेंडर में ऐसी कंपनियों को ही शामिल करने का नियम तय किया है जिनके द्वारा सुधारे गए ट्रांसफार्मर अधिकतम पंद्रह प्रतिशत तक फेल होते है वहीं मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की टेंडर शर्तों में 26.38 प्रतिशत तक फेल होने वाली ट्रांसफॉर्मर मरम्मत करने वाली कंपनियों को भी टेंडर में शामिल होने का मौका दिया गया है। नए टेंडर हो गए है लेकिन इनकी शर्तों के चलते मध्यप्रदेश के बाहर की वे कंपनियां यह टेंडर पाने में सफल होंगी जिनके सुधारे गए ट्रांसफार्मर गुणवत्ता में कमजोर होंगे और परिवहन के नाम पर जो राज्य सरकार से ज्यादा रकम ले सकेंगी।
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मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा खराब ट्रांसफार्मर बदलने के लिए जो टेंडर जारी किए गए है उसमें जो भी गड़बड़ियां है उसे देखेंगे और दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी।
पारसचंद्र जैन, उर्जा मंत्री