एम शिक्षा मित्र एप डाउनलोड नहीं करने वाले 2500 अध्यापकों का वेतन अटका

हरदा। स्मार्ट फोन का उपयोग नहीं करना और एम शिक्षा मित्र एप डाउनलोड नहीं करना शिक्षकों को महंगा पड़ गया। शिक्षा विभाग के आयुक्त के आदेश के बाद डीईओ और डीपीसी ने 2500 शिक्षकों का वेतन रोक दिया है। इन शिक्षकों को हर माह करीब 5 करोड़ रुपए वेतन मिलता है। शिक्षकों को नवंबर का वेतन नहीं मिलने की वजह से आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। एम शिक्षा मित्र एप की खामियों को दूर करने की मांग को लेकर जिले के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। 

शिक्षा विभाग स्कूलों में शिक्षकों की ई-अटेंडेंस को लेकर सख्त हो गया है। इसके लिए स्मार्ट फोन और उसमें नेट की कनेक्टिविटी अनिवार्य है। स्मार्ट फोन में स्कूल पहुंचते ही शिक्षकों की उपस्थिति सीधे पोर्टल पर दर्ज हो जाएगी। इसके अलावा एम शिक्षा मित्र एप में आठ फोल्डर मौजूद हैं। इसमें ई अटेंडेंस के अलावा विभागीय आदेश-निर्देश, शिक्षकों की सैलरी स्लीप अन्य विभागीय जानकारी दर्ज होती है। शिक्षक इस एप के माध्यम से विभाग की गतिविधियों से हरदम अपडेट रह सकता है, लेकिन जिले के शिक्षक शुरू से ही इसका विरोध करते आ रहे हैं। उनका दावा है विभाग कार्रवाई की आड़ में उन्हें एप के लिए बाध्य कर रहा है। इसके लिए कोई नेट का भत्ता भी नहीं दिया जाता। अब शिक्षा विभाग ने कड़ा रूख अख्तियार करते हुए जिले के हरदा, टिमरनी, खिरकिया, हंडिया, सिराली और रहटगांव की शासकीय स्कूलों के 2500 शिक्षकों का नवंबर वेतन जारी नहीं किया है। 

जिले के प्रायमरी, मिडिल, हाई और हायर सेकंडरी के 899 स्कूलों के 2500 स्कूलों के शिक्षकों का वेतन रुका हुआ है। इसमें 1500 हाई और हायर सेकंडरी और 1000 प्रायमरी और मिडिल स्कूलों के शिक्षक शामिल हैं। 

शिक्षक संगठनों का दावा एप में है खामियां 
एम शिक्षा मित्र एप के उपयोग को लेकर अध्यापक संगठन और विभाग आमने-सामने आ गए हैं। शिक्षक और अध्यापक संगठनों का दावा है एप में कई खामियां है। एप से लोकेशन सही नहीं मिल पाती। वरिष्ठ शिक्षक स्मार्ट फोन का उपयोग नहीं कर पाते। कई शिक्षकों के लिए अब भी स्मार्ट फोन और एप का उपयोग करना मुश्किल है। इसका खामियाजा उन्हें उठाना पड़ रहा है। उन्होंने प्रभारी मंत्री लालसिंह आर्य को भी समस्या से अवगत कराया था। इसमें उन्होंने डीईओ पर एक तरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया था। उन्होंने प्रभारी मंत्री से भी एम शिक्षा मित्र एप को स्वैच्छिक करने की मांग की है। अध्यापक संघ के जिला सचिव रामनिवास जाट ने कहा एक तरफा कार्रवाई अनुचित है। पहले समस्याओं और मांगों का निराकरण किया जाना चाहिए। 
.................
2500 शिक्षकों का वेतन रोका है। वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। शिक्षकों काे एप का उपयोग करना चाहिए। भावना दुबे, डीईओ, हरदा 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !