6वां वेतनमान: 100 से ज्यादा विसंगतियां दूर होंगी

भोपाल। चारों तरफ से घिर चुकी शिवराज सरकार अब डैमेज कंट्रोल में लग गई है। शुरूआत कर्मचारी वर्ग से की जा रही है। अब सरकार सातवां वेतनमान देने से पहले छठवें वेतनमान की विसंगतियां दूर करना चाहती है। इसलिए मंत्रालय में अग्रवाल वेतन आयोग की सिफारिशों पर काम चल रहा है। सूत्र बताते हैं कि सरकार सौ से ज्यादा वेतनमानों की विसंगति दूर करने वाली है।

इन पर बनी सहमति
सूत्र बताते हैं कि सरकार सहायक लोक अभियोजन अधिकारी की वेतन विसंगति दूर कर रही है। इन अफसरों को अब तक 5500-9000 का वेतनमान दिया जाता है, जिसे बढ़ाकर 6500-10500 किया जा रहा है। ऐसे ही जिला लोक अभियोजन अधिकारी का वेतनमान 8000-13500 करने की अनुशंसा है। सीईओ जनपद पंचायत का वेतनमान 8000-13500 और विकास खंड अधिकारियों का 6500-10500 किया जा रहा है। कार्यभारित कर्मचारियों (समयपाल, उपयंत्री, बी क्लर्क) के वेतनमानों में भी बढ़ोतरी की जा रही है।

सातवें वेतनमान में मिलेगा फायदा
सातवां वेतनमान लागू होने से पहले छठवें वेतनमान की विसंगतियां दूर होती हैं, तो इन अधिकारियों और कर्मचारियों को 3 हजार से 7 हजार रुपए महीने तक का फायदा होगा।

काम के घंटे बढ़ाने की अनुशंसा
अग्रवाल वेतन आयोग ने कर्मचारियों के कार्य के घंटे बढ़ाने की अनुशंसा भी की थी। सूत्र बताते हैं कि अधिकारियों ने विचार के लिए इस अनुशंसा को भी रखा है। हालांकि सरकार इस पर अब तक तैयार नहीं हैं।

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