भोपाल। अंधेरे में डूबे प्रदेश के स्कूलों को रोशन करने के लिए सरकार नई योजना लाने जा रही है। इसे मुख्यमंत्री शाला ज्योति योजना का नाम दिया गया है। इसके तहत लगभग एक लाख स्कूलों तक बिजली पहुंचाई जाएगी। इस योजना पर 338 करोड़ रुपए का खर्च आ रहा है। इतने पैसों की व्यवस्था कैसे की जाए, इसे लेकर जद्दोजहद चल रही है। इस मामले को लेकर शुक्रवार को स्कूल शिक्षा विभाग और पंचायत विभाग के उच्च अधिकारियों की बैठक भी होने वाली है।
स्कूल शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक नगरीय निकाय अपने क्षेत्र के स्कूलों में बिजली कनेक्शन ले सकता है, लेकिन ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में बजट ज्यादा लगना है। वित्त विभाग ने इसी वित्तीय वर्ष से इस योजना को शुरू करने की मंजूरी दे दी है। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश के 1 लाख 14 हजार स्कूलों में से महज 14 हजार स्कूल में ही बिजली कनेक्शन हैं। नगरीय निकायों के लगभग 4 हजार और ग्रामीण इलाकों के 96 हजार स्कूल बिजली के अभाव में चल रहे हैं।
दूरी ज्यादा होने पर सोलर लाइट लगेंगी
अधिकारियों के मुताबिक जो स्कूल बिजली के खंभों से 250 मीटर से ज्यादा दूर होंगे, वहां सोलर लाइट लगाई जाएंगी। 250 मीटर दूरी पर परंपरागत बिजली कनेक्शन लेने में ज्यादा खर्च आ रहा था। इसलिए यह निर्णय लिया गया।
सुविधाएं बढ़ाने बिजली कनेक्शन जरूरी
स्कूल शिक्षा विभाग की सचिव दिप्ती गौड़ मुखर्जी के मुताबिक सरकारी स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए बिजली कनेक्शन जरूरी है। मुखर्जी ने कहा कि अभी बजट को लेकर चर्चा चल रही है, लेकिन इसे इसी वित्तीय वर्ष से शुरू कर दिया जाएगा।