
इनमें सबसे अधिक अफसर पशुपालन विभाग केे है। यहां के 14 डॉक्टर्स जिला कार्यक्रम प्रबंधक बने हुए हैं। हालांकि इनकी ज्यादा जरूरत मूल विभाग को है। इसकी वजह है कि पशुपालन विभाग के पास पशु चिकित्सकों की कमी है। इन्हें विभाग में वापिस बुलाने के लिए विधायक गिरीश गौतम ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग गोपाल भार्गव मंत्री को पत्र लिखा था। इस पर विभागीय मंत्री ने सभी पशु चिकित्सकों को तत्काल उनके मूल विभाग में भेजने का आदेश दिया था। पांच महीने बीत जाने के बाद भी इस मामले में विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी तरह स्कूल शिक्षा विभाग ने अपने शिक्षक और किसान कल्याण एवं कृषि विभाग ने अपने अफसर व कर्मचारियों को वापिस मांगा है। उन पर समय सीमा में योजनाओं को पूरा करने का दबाव है, लेकिन स्टॉफ की कमी से काम प्रभावित हो रहा है।
कार्यवाही के लिए लिखा है
कुछ समय पहले मेरे सामने एक ऐसा मामला आया था, तब मैंने कहा था कि जिन लोगों को नियमानुसार समय पूरा हो गया उन सभी लोगों को वापिस उनके विभाग में भेजा जाए। मैं पता करता हूं कि अभी क्या स्थिति है और क्यों ऐसा हो रहा है?
गोपाल भार्गव, मंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग