नईदिल्ली। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि ग्रेच्युटी के भुगतान में देरी होने पर कर्मचारी को ब्याज पाने का अधिकार है। ब्याज का भुगतान कर्मचारी के रिटायर होने की तिथि से तीन माह के बाद से लेकर वास्तविक भुगतान की तिथि तक किया जाएगा।
कांस्टेबल श्रीनाथ पाठक की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने दिया। याची को रिटायर होने के बाद से तीन वर्ष तक ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया गया था। उसका तीन लाख 34 हजार रुपये से अधिक का बकाया था। याचिका दाखिल कर उसने 18 प्रतिशत की दर से ब्याज देने की मांग की थी। याची पर आपराधिक मुकदमा चल रहा था जिसकी वजह से उसे ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया जा रहा था। मुकदमे से बरी होने के बाद ब्याज की मांग की थी।