भोपाल। ऑनलाइन होने जा रही पीएससी की परीक्षाओं के मॉडल टेस्ट पेपर 10 दिन पहले ही वेबासाइट पर अपलोड कर दिए जाएंगे। इससे परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों को ऑनलाइन परीक्षा के सिस्टम को समझने और पेपर के पूर्व अभ्यास का मौका भी मिलेगा।
अब यह भी तय किया है कि पीएएसी परीक्षा में शामिल होने वाले कैंडीडेट के भाई-बहन भी उस परीक्षा में बैठ रहे हैं, तो इसकी जानकारी भी परीक्षा फॉर्म में देना होगी। अगर कैंडीडेट ऐसा नहीं करता है, तो उसकी परीक्षा निरस्त की जा सकती है।
पीएससी के अफसरों के मुताबिक, ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि कई बार परीक्षा में भाई-बहन एक-दूसरे को नकल कराते हैं। अब पूर्व में ही जानकारी मिल जाने से दोनों के रोल नंबर के बीच दूरी रखी जाएगी। जिससे नकल की कोई गुंजाइश भी नहीं बचेगी।
इस ऑनलाइन परीक्षा व्यवस्था के तहत पीएससी ने कागज-पेन को भी पूरी तरह से बाहर करने निर्णय लिया गया है। इसकी शुरूआत 10 अक्टूबर को कृषि प्रौद्योगिकी अधिकारी और 14 अक्टूबर को सहायक भौतिकविद् व खनिज अधिकारी की परीक्षा से होने जा रही है।
अब ऑनलाइन होने जा रही पीएससी की परीक्षाओं के मॉडल टेस्ट पेपर 10 दिन पहले ही वेबासाइट पर अपलोड कर दिए जाएंगे। इससे परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों को ऑनलाइन परीक्षा के सिस्टम को समझने और पेपर के पूर्व अभ्यास का मौका भी मिलेगा।
बिना क्रम के बिठाया जाएगा परीक्षा में
एमपीपीएससी की ऑनलाइन परीक्षा के तहत छात्रों को रोल नंबर के अनुसार बिना क्रम (रेंडम) के परीक्षा के समय कम्प्यूटर दिए जाएंगे। वहीं, परीक्षा के ठीक समय में ही कम्प्यूटर ऑटोमेटिक चालू और बंद हो जाएंगे। परीक्षा के दूसरे दिन ही छात्रों को ई-मेल के जरिए उत्तर-पुस्तिका भेज दी जाएगी यानि दूसरे दिन ही रिजल्ट आ जाएगा।
उल्लेखनीय है कि एमपीपीएससी अब अक्टूबर माह से अपनी परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित करने जा रहा है। जिसके तहत हर छात्र को परीक्षा केंद्र में बायोमेट्रिक मशीन पर थंब इंप्रेशन लगाने के बाद प्रवेश मिलेगा और परीक्षा के दूसरे दिन ही छात्रों को ई-मेल के जरिए उत्तर-पुस्तिका भेज देगा।
आयोग के आला अधिकारियों के अनुसार, इस व्यवस्था के बाद हर छात्र को परीक्षा केंद्र पर बायोमेट्रिक मशीन पर पर अंगूठा लगाना (थंब इंप्रेशन) होगा। वहीं, परीक्षा में सिलेक्ट होने के बाद इंटरव्यू के दौरान भी थंब इंप्रेशन लगवाया जाएगा ताकि असली के स्थान पर फर्जी परीक्षार्थी परीक्षा न दे सकें।
परीक्षा में बदलाव का कारण
मई 2014 में पीएससी परीक्षा के दौरान पेपर लीक होने के बाद जिम्मेदारों ने इस नए सिस्टम पर विचार किया था। जिसके बाद ऑनलाइन परीक्षा को लेकर कई कंपनियों ने प्रजेंटेशन दिया था। हालांकि, पीएससी ने ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली कंपनी का नाम गुप्त रखा है।