सुधीर ताम्रकार। बालाघाट जिले में नदियों एवं तालाबों की बहुतायत एवं अच्छी वर्षा के कारण मत्स्य पालन के लिए उपयुक्त वातावरण मिलता है। मत्स्य पालन के लिए अनुकूल परिस्थिति होने से बालाघाट जिला मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में मप्र राज्य का अग्रणी जिला बना हुआ है। मछली की नई प्रजाति जयंती रोहू का उत्पादन प्रारं कर बालाघाट जिले ने एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। इस नई प्रजाति की मछली का उत्पादन करने वाला बालाघाट म.प्र. राज्य प्रथम जिला है।
भुवनेश्वर से लाई गई है जयंती रोहू
श्री मेश्राम ने बताया कि बालाघाट जिले में पहली बार मछली की नई प्रजाति जयंती रोहू का उपत्पादन प्रारं किया गया है। इस नई प्रजाति की मछली का उत्पादन करने वाला बालाघाट म.प्र. राज्य का पहला जिला है। वर्ष 2013 में केन्द्रीय मत्स्य अनुसंधान केन्द्र ुवनेश्वर से मछली की नई प्रजाति जयंती रोहू के एक हजार नग बालाघाट लाये गये थे। मुरझड़ प्रक्षेत्र पर इस नई प्रजाति की मछलियों का संवर्धन किया गया और चालू सीजन में पहली बार नई प्रजाति जयंती रोहू के एक करोड़ 82 लाख मत्स्य बीज का उत्पादन करने में सफलता हासिल हुई है। इस नई प्रजाति की मछली जयंती रोहू की विशेषता है कि यह एक साल में ही बढ़ कर 2.5(ढाई) किलोग्राम की हो जाती है। यह प्रजाति अन्य प्रजातियों की तुलना में अधिक पौष्टिक होती है। इस प्रजाति के मत्स्य पालन से मछुआरों को कम समय में अधिक आय होगी और मछुआरों का जीवन स्तर पहले से बेहतर होगा।