स्कूल की राह में अड़ंगा तो सरकार ने ही लगाया है

मुश्ताक खान। दोस्तों शिक्षा विभाग द्वारा प्रतिवर्ष खूब जोर शोर से स्कूल चले हम जिसका प्रमुख नारा "हर बच्चा स्कूल जाए" अभियान मनाया जाता है। एवं प्रदेश के 6 से 14 वर्ष के समस्त बच्चो को स्कूल तक लाने और उनके प्रवेश का प्रयास किया जाता है। जो की एक बहुत ही सराहनीय व देश प्रदेश के बच्चो के उज्जवल भविष्य और शिक्षा और साक्षरता हेतु आवश्यक है।

परन्तु दोस्तों हम आज इस अभियान के सुचारू संचालन व हर बच्चे के स्कूल तक आने पर चर्चा करेंगे दोस्तों वर्तमान में उक्त अभियान को शिक्षा विभाग एवं शासन की कुछ नीतियों से जो पलीता लग रहा है वो सिर्फ वही मास्टर जानते है जो जमीनी हकीकत से दिनरात रूबरू होते है।

दोस्तों आज हर बच्चे को स्कूल तक आने हेतु शिक्षा विभाग की गाइड लाइन व आदेशानुसार कुछ महात्वपूर्ण कागजी कारवाही व प्रमाण पत्रो की उपलब्धता अनिवार्य है।

जो की निम्नलिखित है-
1.समग्र आई डी
2.जाति प्रमाण पत्र
3.बैंक का खाता
4.आधार कार्ड

दोस्तों उपरोक्त वर्णित प्रमाण पत्र आज स्कूल प्रवेश हेतु अनिवार्य किये गए है क्युकी इन सभी प्रमाण पत्रों के आधार पर ही शिक्षा विभाग स्वीकार करता है की छात्र या छात्रा स्कूल में प्रवेशित है व स्कूल में जो बच्चा दर्ज है वो वास्तव में उपलब्ध है।

दोस्तों जहाँ तक पढे-लिखे वर्ग व शहरी क्षेत्र की बात है उक्त प्रवेश व नामांकन की समस्या वहां ना के बराबर है परन्तु हम बात करते है एक ऐसे वर्ग की जो शहरी सीमा व ग्रामीण क्षेत्र में पलायन परिवार के रूप में मंजरे,,टोले,, व खाना बदोशी,,एवं मजदूरी,करके अपना जीवन यापन करने हेतु निवासरत होता है। एवं बच्चो की कुल आबादी का एक बड़ा हिस्सा इन परिवारों में उपस्थित रहता है।

दोस्तों विभाग के आदेशानुसार हर बच्चे को अनिवार्य प्रमाण पत्रों के साथ स्कूल लाना व प्रवेश देना अनिवार्य है चाहे परिवार अल्पकाल हेतु ही क्यों न निवासरत हो।

दोस्तों समस्या यही है से शुरू होती है ये बात सर्व विदित है की अल्प अवधि में निवासरत परिवार के स्थायीत्व ना होने के कारण ना तो कोई स्थाई निवास होता है और ना ही कोई स्थाई परिचय पत्र और ना ही कोई अधिकृत प्रमाण पत्र होता है क्युकी इनके पलायन समस्या के कारण कही कोई प्रमाणीकरण नही हो पाता अब यदि किसी व्यक्ति के पास स्थाई प्रमाण ही ना हो तो सरकारी नियम अनुसार उसकी समग्र आई डी केसे बनेगी?? उसका आधार किस आधार पर बनेगा?? उसका बैंक खाता कौन सी बैंक खोलेगी?? उसका 50 साल पुराना रिकार्ड कौन देगा जो अपने बाप दादा को नही जानता?? अब यदि शासन नियमानुसार उपरोक्त प्रमाण जिस व्यक्ति के पास उपलब्ध नही ऐसे बच्चे का प्रवेश मास्टर शासकीय आदेश के अंतर्गत केसे कर लेगा?? और यदि मास्टर प्रवेश दे भी दे तो बिना प्रमाण व आई डी के वो शिक्षा विभाग को केसे प्रमाणित करेगा की बच्चा शाला में सार्थक रूप से प्रवेशित है। एवं शिक्षा विभाग के आदेशानुसार केसे उसका जाति प्रमाण पत्र बनवायेगा??केसे उसको बिना बैंक खाते के गणवेश और सायकल का चेक देगा?? केसे उसका आधार नम्बर ज्ञात कर सकेगा?? क्युकी शहर में वार्ड कार्यालय में स्थाई वार्ड निवासी ना होने के कारण व ग्राम में सरपंच मूल निवासी ना होने के कारण स्थाई निवासी घोषित कर सम्पूर्ण शासकीय सुविधाए देने से कतराते है। विदित हो की पूर्व में बिना किसी प्रमाण के समग्र आई डी प्रदान की जाती थी परन्तु अब तो बिना किसी स्थाई प्रमाण के समग्र आई डी तक नही बन पा रही है जो की प्रवेश की प्रथम सीडी है।

अब आप ही बताये विभाग के निम्न आदेश के पालन में मास्टर केसे हर बच्चे को स्कूल तक ला सकता है यदि वह चाहे भी की बच्चे को शिक्षित करना आवश्यक है व प्रवेश भी आवश्यक है तो वो शिक्षा विभाग के द्वारा मांगे जाने पर बच्चे की समग्र आई डी,,आधार कार्ड,,जाति प्रमाण,,मूल निवास प्रमाण कहाँ से लाएगा?? हम मास्टरों ने उक्त प्रमाण पत्रों को अनदेखा कर व गुरु परंपरा व शासन की शिक्षित समाज की संरचना को मूर्त रूप देने हेतु ऐसे मंजरे,,टोले,,व खाना बदोश व मजदुर बच्चो को प्रवेश दे भी दिया है और उनको शिक्षित कर रहे है तो शिक्षा विभाग शिक्षक के प्रमाणीकरण को महत्त्व ना देते हुए इन समस्त प्रमाण पत्रों की आवश्कता का रोना रोकर आये दिन मास्टरों के वेतन को रोकना,,स्पष्टीकरण,,निलंबन क्यों करता है क्या मास्टर किसी ऐसे बच्चे को शाला में प्रवेश देकर शिक्षित नही कर सकता जिसके पास किसी तरह का प्रमाण पत्र ना हो?? क्यों किसी ऐसे बच्चे को शिक्षा देने के कारण मास्टर को दण्डित किया जाता है जिसकी किसी भी तरह की आई डी वार्ड शासन सरपंच व अन्य ने प्रदान नही की हुई है??

दोस्तों उपरोक्त मास्टरों की जमीनी स्तर की समस्याओं को देखकर क्या आप कह सकते है की 6 से 14 वर्ष का हर बच्चा स्कूल जा सकता है?? क्या इन कागजी प्रमाण पत्रों की अनिवार्यता के चलते सरकार की शिक्षित समाज की परिकल्पना 100% पूर्ण होगी?? शायद नही??

प्रदेश में शायद ही ऐसा कोई गुरु हो जो किसी अबोध बालक को शिक्षित नही करना चाहता हो परन्तु शिक्षा विभाग के द्वारा मांगी जाने वाली प्रमाणित अनिवार्य जानकारियों व प्रमाण पत्रों के चलते व किसी तरह की शासकीय कारवाही व दंड के चलते आज कई कारणों से प्रदेश के समस्त 6 से 14 वर्ष के बच्चे आज भी विद्या ग्रहण नही कर पा रहे है कही प्रमाणीकरण अनिवार्यता के चलते प्रवेश नही हो पा रहे है कही प्रवेश हो भी गये है तो बच्चे प्रमाण प्रस्तुत ना करने के कारण शालाओं से दूरी बना लेते है।

अब यदि सरकार और शिक्षा विभाग चाहते है की उनके शिक्षित समाज की परिकल्पना पूर्ण हो व 6 से 14 वर्ष का हर बच्चा स्कूल जाए तो तत्काल कुछ अहम निर्णय लेना शिक्षित समाज व शिक्षित प्रदेश व देश हित में उचित होगा एक जमीनी स्तर से जुड़े शिक्षक के कुछ सुझाव जिस से 100% बच्चे शाला का मुहं देख सकेंगे--

1. छात्र प्रवेश हेतु समग्र आई डी की अनिवार्यता समाप्त की जाए यदि आवश्यक प्रतीत हो तो समग्र आई डी बनाने व जनरेट करने का अधिकार प्रति स्कूल प्रभारी को दे दिया जाए एवं प्रभारी व अन्य पदस्थ मास्टरों के अभिमत से उक्त आई डी पूर्ण अधिकृत मानी जाए।

2. जाति प्रमाण पत्र हेतु प्रधान अध्यापक का व साथी शिक्षको का अभिमत व प्रमाण पत्र के आधार पर सीधे प्रमाण पत्र बनाकर प्रदान किया जाए।

3.प्रधान अध्यापक व साथी शिक्षको के अभिमत से व जानकारी अनुसार आधार कार्ड बनाया जाए।

4.गणवेश व सायकल वितरण शाला प्रभारी द्वारा क्रय किये जाकर प्रदान की जाए ताकि हर बच्चे को गणवेश व हितग्राही को सायकल मूर्त रूप से प्राप्त हो सके क्युकी पिछले कुछ वर्षो में देखने में आया है की सरकारी स्कूल के 100% बच्चो को गणवेश तक प्राप्त नही हो पाती जिसका मुख्य कारण बैंक में छात्र का खाता ना खुल पाना,,माता-पिता के द्वारा गणवेश राशि का व्यक्तिगत उपयोग कर लेना काफी गंभीर है अतः यदि विभाग 100% छात्रों तक गणवेश पहुचाना चाहता है तो ये कार्य पूर्व की भाँती शाला प्रभारी द्वारा क्रय कर प्रदान की जावे।
5.यदि विभाग द्वारा उक्त समस्त आई डी बच्चे के शाला में सार्थक रूप से उपलब्ध होने की शंका समाधान हेतु चाही जाती है तो उक्त शंका जनशिक्षक व ओचक निरिक्षण से समाप्त की जा सकती है।

यदि सरकार और विभाग उपरोक्त परिवर्तन कर ले तो सचमुच हर बच्चा स्कूल जाए व सरकार और मास्टर का शिक्षित समाज का सपना पूरा हो जाए।

आपका मित्र
मुश्ताक खान
भोपाल।
मोबाइल नंबर-9179613685

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