भोपाल। मप्र के युवा बेरोजगारों को सीधे प्रभावित करने वाले व्यापमं घोटाले के बाद अब किसानों से जुड़ा कृषि घोटाला उजागर होने जा रहा है। कृषि विभाग के 30 से अधिक अफसरों के नाम लिस्टेड किए गए हैं जो भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं। लोकायुक्त से इस लिस्ट पर कार्रवाई का आग्रह किया गया है।
- कृषि विभाग में जो घोटाले हुए हैं उनमें प्रमुख हैं:
- बलराम तालाब घोटाला
- बीज वितरण घोटाला
- कृषि यंत्र वितरण घोटाला
- फसल प्रदर्शन घोटाल
फसल प्रदर्शन के नाम गड़बड़ी
कृषि उप संचालक कार्यालय सतना में फसल प्रदर्शन के नाम पर बड़ी गड़बड़ी होने की शिकायत मिली है। प्रमुख सचिव ने मामले की जांच शुरू कराते हुए दो माह में रिपोर्ट मांगी है। पन्ना के उप संचालक कृषि को पिछले माह ही निलंबित कर दिया गया है। वहीं छतरपुर में मृत किसानों के नाम पर बीज वितरण के मामले भी सामने आए हैं।
51 जिलों की हुई थी जांच
कृषि विभाग ने प्रदेश के सभी 51 जिलों में पदस्थ उप संचालक कृषि के कारनामों की जांच कराई है। वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में बनाई गई जांच कमेटियों ने रिपोर्ट पेश कर दी हैं। इसी आधार पर उन भ्रष्ट अफसरों के नाम छांटे गए हैं, जिन्होंने किसानों की योजनाओं का बंटाढार किया है। विभाग के तत्कालीन संचालक डॉ. डीएन शर्मा के भ्रष्ट कारनामों की जानकारी भी लोकायुक्त भेजी गई थी।
किसानों से छल क्षमा योग्य नहीं
किसानों के हितों से छल करने वाले कृषि अधिकारी बख्शे नहीं जाएंगे। आठ मामलों में वित्तीय अनियमितताएं होने की जानकारी लोकायुक्त को दी गई है। इसमें कहा गया है कि कृषि विभाग के दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। लोकायुक्त को आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध करा दिए गए हैं।
राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव कृषि
जालसाज पांडे को मंत्रीजी का संरक्षण
भोपाल संभाग के संयुक्त संचालक बालपांडे के भ्रष्ट कारनामों की जांच दस साल से अधिक समय से चल रही हैं। बैतूल, विदिशा, राजगढ़ जिलों में पदस्थ रहते हुए बलराम तालाब सहित अन्य योजनाओं में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें हुई थीं। सूत्रों के अनुसार कार्रवाई करने के लिए नोटशीट कृषि मंत्री के पास दो बार भेजी गई, लेकिन मंत्री ने कोई निर्णय नहीं लिया। बालपांडे के खिलाफ भी लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में पहले से जांच चल रही हैं।