इंदौर। व्यापमं मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में नाम आने के बाद एसजीएसआईटीएस के निदेशक प्रो.सुधीरसिंह भदौरिया ने इस्तीफा देने की संभावना से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह सालभर पुरानी एफआईआर है। अगर मेरे खिलाफ सबूत होते तो अब तक गिरफ्तार हो जाता। उन्होंने कहा व्यापमं मामला थोड़े दिन की धुंध है।
डॉ.भदौरिया ने कहा कि एफआईआर कयासों के आधार पर है। अभी धुंध छाई है। कानून अपना काम करेगा। जांच होगी तो सब साफ हो जाएगा। मैंने व्यापमं में काम किया इसलिए लोगों ने मेरे नाम से एफआईआर करवा दी।
व्यापमं की गड़बड़ी में हाथ होने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में व्यापमं की व्यवस्थाएं बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए गए। व्यापमं ने खुद चिकित्सा शिक्षा विभाग को पत्र लिखा था कि मेडिकल प्रवेश की जांच की जाए। हमने ही ओएमआर में पेंसल की बजाय पेन, हैंडराइटिंग के नमूने, अंगूठे के निशान लेने जैसी व्यवस्थाएं लागू की थीं।
सुधीर से संबंध नहीं
घोटाले के मुख्य आरोपियों में शामिल सुधीर शर्मा और भाजपा नेताओं से संबंध होने की बात को खारिज करते हुए डॉ.भदौरिया ने कहा कि कहीं मिलते थे तो सिर्फ बात होती थी, इससे आगे संबंध नहीं थे। ना ही चीफ एनालिस्ट नितिन मंहिद्रा को मैं ज्यादा करीब से जानता हूं।
अभाविप को चंदा नहीं दिया
उन्होंने कहा कि अभाविप को कभी 11 लाख का चंदा नहीं दिया। इतने पैसे तो मैंने अपने मकान में खर्च नहीं किए। मकान बनाने के लिए साढ़े आठ लाख रुपए का लोन लिया है।